पन्तनगर विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय में कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय एवं सह-आयोजक इन्स्टीट्यूट आॅफ सोशल डेवलपमेंट (आईएसडी) किच्छा एवं टाटा ग्रुप के सहयोग से किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय की वित्त नियंत्रक आभा गर्खाल एवं अधिष्ठात्री सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय डा. अल्का गोयल तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में निदेशक शोध डा. ए.एस. नैन उपस्थित थे।

महाविद्यालय के विभिन्न विभागाध्यक्षों डा. मनीषा गहलोत, डा. अदिति वत्स, डा. अर्चना कुशवाहा एवं प्रभारी अधिकारी डा. अनुपमा पाण्डे ने इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन डा. अनुपमा पांडेय, प्रभारी अधिकारी, प्रसार शिक्षा एवं संचार प्रबंधन विभाग द्वारा किया गया।
श्रीमती बिन्दुवासीनी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर आईएसडी ने भी इस कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाई। कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम में 50 महिलाओं ने प्रतिभाग किया जो कि आईएसडी संस्थान एवं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं। कार्यक्रम में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई जो कि महिलाओं के कौशल विकास, उद्यमिता एवं जागरूकता विषयों से जुड़े हुए हैं।
संवाद के रूप में वित्त नियंत्रक श्रीमती आभा गर्खाल ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए महिलाओं से सम्बंधित साफ-सफाई, माहवारी एवं कुपोषण जैसे पहलुओं पर जोर दिया जो कि महिला के सशक्त होने के लिए बहुत आवश्यक है। उन्होंने महिलाओं के लाइफ बैलेंस के महत्व पर चर्चा की। डा. अल्का गोयल ने महाविद्यालय के विभिन्न शोध, तकनीकें एवं प्रशिक्षणों के अनेक अवसरों के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि महाविद्यालय की विभिन्न तकनीकों से महिलाएं एक सफलता के पथ पर चल सकती हैं और आत्मनिर्भर हो सकती हैं। डा. ए.एस. नैन ने माताओं एवं बहनों की परिवार, समाज, क्षेत्र एवं देश को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका बताई और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाएं सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय से तकनीके सीखकर उनका प्रयोग कर अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकती हैं जिसके लिए उन्होंने कई विकल्पों जैसे फूड प्रोसेसिंग इत्यादि के बारें में बताया।
विभागाध्यक्ष आर.एम.सी.एस., डा. अदिति वत्स ने उत्तराखंड हस्तशिल्प कला के बारे में विस्तृत जानकारी दी और कला को बनाना एवं उसकी प्रस्तुतीकरण पर जोर दिया। विभागाध्यक्ष ए.टी.एस., डा. मनीषा गहलौत ने विभिन्न प्रकार की रंगाई एवं छपाई तकनीकों जैसे टाई एण्ड डाई, ब्लाॅक छपाई, स्क्रीन छपाई, बाटिक प्रिंटिंग इत्यादि के बारे में जानकारी दी।
विभागाध्यक्ष, खाद्य एवं पोषण, डा. अर्चना कुशवाहा ने एनीमिया; रक्ताल्पता विषय पर सम्बोधन किया जो कि महिलाओं में एक प्रमुख समस्या है जिसके लिए उन्होंने मोटे अनाज के खाद्य पदार्थों के सेवन पर बल दिया। प्रभारी अधिकारी, ई.ई.सी.एम., डा. अनुपमा पाण्डे ने आजकल चल रहे साइबर अपराधों से बचाव के लिए साइबर सुरक्षा विषय पर जानकारी दी।
श्रीमती बिन्दुवासीनी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर आई.एस.डी. ने महिलाओं के स्वास्थ्य एवं उनके आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को महाविद्यालय की विभिन्न योजनाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। महिलाओं ने महाविद्यालय के पांचों विभागों का भी भ्रमण किया और उससे विभिन्न कौशल तकनीकें, उद्यमिता विकास एवं जागरूकता के पहलुओं पर जानकारी प्राप्त की।