विश्वविद्यालय में जेंडर सेंसिटाइजेशन और महिला नेतृत्व वाली विस्तार प्रणाली पर पांच-दिवसीय सहयोगात्मक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह ऑनलाइन सफलतापूर्वक किया गया। यह कार्यक्रम कृषि संचार विभाग और मैनेज, हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम ने कृषि में जेंडर समावेशन और महिला नेतृत्व वाले विस्तार मॉडलों के महत्व को रेखांकित करते हुए सकारात्मक संदेश के साथ समापन किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों में अधिष्ठाता कृषि डा. एस.के. कश्यप, मैनेज, हैदराबाद की डिप्टी डायरेक्टर (जेंडर स्टडीज) डा. विनीता कुमारी और कृषि संचार विभाग की प्रमुख डा. वी.एल.वी. कामेष्वरी शामिल थे।
डा. एस.के. कश्यप ने अपने संबोधन में आयोजकों और प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम कृषि में जेंडर से संबंधित चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच साबित हुआ है। इन सत्रों में प्राप्त ज्ञान और रणनीतियाँ प्रतिभागियों के व्यावसायिक प्रयासों में निश्चित रूप से लाभकारी सिद्ध होंगी।
उन्होंने अनुसंधान, विस्तार गतिविधियों और विकास पहलों में जेंडर-संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। डा. विनीता कुमारी ने कार्यक्रम की सहयोगात्मक भावना और कृषि में जेंडर समावेशिता के प्रति इसके योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि इस तरह की पहलें कृषि में जेंडर असमानताओं को समझने और दूर करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
यह कार्यक्रम न केवल प्रमुख चुनौतियों को उजागर करता है, बल्कि समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए अभिनव रणनीतियाँ भी प्रदान करता है। कार्यक्रम समन्वयन सहायक प्रोफेसर डा. अर्पिता एस. कांडपाल ने किया। उनकी कुशल नेतृत्व में कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा जेंडर-संवेदनशील कृषि, ग्रामीण समुदायों में जेंडर स्टीरियोटाइप्स को तोड़ने और महिलाओं को सशक्त बनाने जैसे विषयों पर सत्र आयोजित किए गए।
कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के 62 वैज्ञानिकों और पेशेवरों ने सक्रिय भागीदारी की। यह मंच विचारों के आदान-प्रदान, सर्वोत्त्ंाम प्रथाओं को साझा करने और कृषि विकास में जेंडर समावेशिता पर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक गतिशील मंच साबित हुआ।
पांच-दिवसीय कार्यक्रम को इसके प्रभावशाली विषयवस्तु और सहयोगात्मक प्रयासों के लिए व्यापक रूप से सराहा गया। यह पंतनगर विश्वविद्यालय और मैनेज, हैदराबाद की कृषि में जेंडर सशक्तिकरण के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन लाने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। प्रतिभागियों ने इस पहल के लिए आभार व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी कृषि क्षेत्र में प्रगति और सशक्तिकरण को प्रेरित करेंगे।