पन्तनगर विश्वविद्यालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वित्तीय सहयोग विश्वविद्यालय के कृषि संचार विभाग एवं कृषि विज्ञान केंद्र, काशीपुर के संयुक्त तत्वावधान में ब्लॉक खटीमा, रतनपुर गाँव, में ‘जैविक गुड़, गन्ना, मिलेट, सेवई, पास्ता, गुझिया, शहद और उनके विपणन के माध्यम से जनजातीय समुदाय को सशक्त बनाना’ विषय पर दो-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस प्रशिक्षण का उद्देश्य जनजातीय महिलाओं को विभिन्न मूल्यवर्धित उत्पादों के निर्माण की तकनीकी जानकारी प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था। कार्यक्रम में महिलाओं को गुझिया, पास्ता, मंडुआ बिस्कुट, लापसी और केक बनाने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही मूल्यवर्धित उत्पादों के माध्यम से आय वृद्धि और विपणन रणनीतियों की जानकारी भी साझा की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रमुख अतिथि के रूप में विधायक श्री गोपाल सिंह राणा, ग्राम प्रधान श्री श्याम सिंह, डा. अर्पिता शर्मा कांडपाल, परियोजना अन्वेषक एवं सहायक प्राध्यापिका, कृषि संचार, श्रीमती बिंदुवासिनी, निदेशक, सोशल डेवलपमेंट एवं राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त श्रीमती सुरेंदरी देवी उपस्थित रहे।
विधायक श्री गोपाल सिंह राणा ने कहा कि ‘महिलाएं मूल्यवर्धित उत्पादों का निर्माण कर उन्हें बाजार में बेचें और आत्मनिर्भर बनें।’ ग्राम प्रधान श्री श्याम सिंह ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम ग्रामीण विकास को गति देंगे। डा. अर्पिता शर्मा कांडपाल ने प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वावलंबी एवं उद्यमशील बनाना है।
श्रीमती बिंदुवासिनी ने कहा कि उनका संगठन महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रहा है। विधायक ने महिलाओं को उद्यमिता स्थापित करने के लिए आवश्यक कच्चे माल एवं उपकरण वितरित किए गए, जिनमें प्लास्टिक टब, कंटेनर, गुझिया बनाने की मशीन, मंडुआ आटा, चीनी, मैदा, खोया, रिफाइंड तेल, नमक, गुड़ और सूजी शामिल थे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महिलाओं को मूल्यवर्धित उत्पाद निर्माण एवं विपणन के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण की ओर प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।
प्रशिक्षण के माध्यम से प्राप्त ज्ञान और वितरित सामग्री से महिलाएँ स्वरोजगार एवं उद्यमिता के नए अवसरों की ओर अग्रसर होंगी। इस कार्यक्रम में पूजा गोस्वामी, आकांक्षा जोशी, प्रकाश रावत आदि ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।