(दु:खद) लेनदारों से परेशान कारोबारी ने पत्नी के साथ गंगा में कूदकर की खुदकुशी, कूदने से पहले परिजनों को सुसाइड नोट, सेल्फी और लोकेशन भेजी

इस खबर को जिसने भी पढ़ा वो स्तब्ध ही रह गया। लेनदारों से परेशान होकर पति-पत्नी ने बेहद खौफ़नाक कदम उठाते हुए मौत को गले लगा लिया। लेनदारों से परेशान सहारनपुर के कारोबारी ने पत्नी के साथ खुदकुशी कर ली। सहारनपुर से 100 किलोमीटर दूर हरिद्वार में हर की पैड़ी के पास हाथी पुल से गंगा में कूदकर जान दे दी। गंगा में कूदने से पहले कारोबारी ने परिजनों को सुसाइड नोट, सेल्फी और लोकेशन भेजी थी। सुसाइड से पहले दंपती ने परिजनों को फोन भी किया था।

व्यापारी का शव सोमवार को रानीपुर क्षेत्र में गंगनहर किनारे से बरामद हो गया, जबकि पत्नी का पता नहीं लग सका। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस के गोताखोर महिला की तलाश कर रहे हैं।

सोमवार की सुबह साढ़े नौ बजे रानीपुर पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम जमालपुर खुर्द के पास गंगनहर के किनारे दलदल में शव फंसा हुआ है। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को बाहर निकलवाया। मोबाइल फोन और पर्स से शिनाख्त सौरभ बब्बर पुत्र दर्शनलाल बब्बर निवासी किशनपुरा कोतवाली नगर जनपद सहारनपुर यूपी के रूप में हुई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सौरभ की साईं ज्वेलर्स के नाम से सहारनपुर में दुकान है। लोगों के काफी पैसे उधार होने से परेशान था।

10 अगस्त को पत्नी मोना के साथ हरिद्वार आया और व्हाट्सएप पर सुसाइड नोट और लोकेशन, सेल्फी परिजनों को भेजी। लोकेशन पर परिजनों ने दोनों की तलाश की थी, मगर कुछ पता नहीं चला। इसके बाद नगर कोतवाली में गुमशुदगी के लिए शिकायत दी थी।

दरअसल, सहारनपुर के किशनपुरा में ही सौरभ बब्बर की साईं ज्वेलर्स के नाम से ज्वेलर्स की दुकान है, वह किट्टी जमा करने का काम भी करता था। काफी समय से व्यापार में घाटा हो रहा था। सौरभ के ऊपर करोड़ों का कर्ज हो गया था।

सौरभ ने चार-पांच कमेटियां (आपस में पैसा जमा करना और फिर किस्तों पर उधार लेना) चलाई थी, उनके भी रकम देने का समय आ गया था। लेकिन सौरभ के पास कुछ नहीं बचा था। उधर, कर्जदार पैसा मांगने के लिए घर आ रहे थे। इससे परेशान होकर सौरभ ने पत्नी मोना बब्बर के साथ मौत का रास्ता चुना।

सौरभ बब्बर की मौत की जानकारी मिली तो लेनदार सीधे उसके घर की तरफ दौड़े। देखा कि घर पर ताला लगा हुआ और दुकान भी बंद है। किशनपुरा निवासी हरप्रीत सिंह भाटिया ने बताया कि 1.28 लाख रुपये की कमेटी डाली थी। 40 हजार रुपये एडवांस जमा भी किए थे।

इसी तरह आशीष कुमार का कहना है कि 1.20 लाख रुपये की कमेटी डाली हुई थी। इस तरह के 500 से 600 लोग हैं, जिनकी कमेटी चल रही थी। उधर, देर शाम सौरभ का शव सहारनपुर पहुंचा, जिसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

सुसाइड नोट में ये लिखा

सौरभ ने गंगा में छलांग लगाने से पहले सुसाइड नोट अपने नौकर को भेजा। इसमें लिखा था कि मैं सौरभ बब्बर कर्जी के दलदल में इस कदर फंस गया हूं कि बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा। अंत में मैं और मेरी धर्मपत्नी मोना बब्बर अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं। हमारी किशनपुरा वाली प्रॉपर्टी (दुकान व मकान) दोनों बच्चों के लिए है। हमारे दोनों बच्चे अपनी नानी के घर नपुरा रहेंगे। इनका जीवन अब हम पति-पत्नी ने उनके हवाले करके जा रहे हैं। क्योंकि हमें किसी और पर भरोसा नहीं है।

सौरभ पांच साल के बेटे संयम और 12 साल की बेटी श्रद्धा को गोविंदनगर में उनके नाना-नानी के घर छोड़ गए थे। सौरभ बब्बर की एक ऑडियो भी वायरल हो रही है। जिसमें वह अपने परिचित गोल्लू को फोन कर कहते हैं कि यह सबको दिखा देना। हम हरिद्वार में है और हम जा रहे है दुनिया अंतिम छोड़कर। हम यहां से छलांग लगा रहे हैं।

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