मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में पंचायतीराज विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गांवों के सुनियोजित विकास के लिए प्रत्येक विकासखण्ड में 5-5 गांवों को आदर्श ग्राम बनाने की दिशा में कार्य किए जाएं।
देश के शीर्ष 100 आदर्श गांवों की श्रेणी में उत्तराखण्ड के 10 गांवों के नाम भी शामिल हों, इसके लिए गांवों के समग्र विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम चौपाल के आयोजन में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जनपदों में जिलाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया जाए।
ग्राम पंचायतों के प्रबुद्धजनों के साथ बैठकर गांवों की विकास योजनाओं पर कार्य किया जाए।उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं के स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाये जाएं। इनमें उन गांवों के प्रवासी लोगों को प्रतिभाग करने के लिए विशेष रूप से प्रतिभागी बनाए जाएं। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानक तय कर पंचायत भवनों का निर्माण किये जाएं।
ग्राम पंचायतों में जो भी पंचायत भवन बनाए जा रहे हैं वे पर्वतीय शैली में बनाएं जाएं। जिसमें उत्तराखण्ड की विरासत की झलक हो। मुख्यमंत्री ने पंचायत भवनों के निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की जा रही ₹10 लाख की धनराशि को बढ़ाकर ₹20 लाख रुपए करने के निर्देश दिए। गांवों में सड़क निर्माण के समय नालियां भी बनाई जाए, ताकी जल निकासी की समस्या न हो।
ग्राम पंचायतों में ओपन जिम और पार्कों की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सेना और अर्द्धसैन्य बलों के शहीदों के नाम पर उनके गांवों में द्वार, स्कूल और पंचायत भवनों के नाम रखे जाएं। गांवों में शिलापटों पर शहीदों के नाम अंकित करने की व्यवस्था बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांवों के विकास के लिए 15वें वित्त आयोग से राज्य को प्राप्त धनराशि का योजनाबद्ध तरीके से उपयोग किया जाए।
स्वच्छता, कूड़ा निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि गांवों के विकास के लिए जो भी योजनाएं बनाई जाए उनका धरातल पर पहले आंकलन किया जाए। सभी ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर और हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी की व्यवस्था की जाए।
बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव पंचायतीराज श्री चन्द्रेश यादव, अपर सचिव श्री आलोक कुमार पाण्डेय, निदेशक पंचायतीराज सुश्री निधि यादव, निदेशक सेतु डॉ. मनोज पंत उपस्थित थे।