समेटी-उत्तराखण्ड एवं जिला प्रषासन, बीजापुर (छत्तीसगढ़) द्वारा बीजापुर जनपद जो नक्सलवाद से प्रभावित प्रमुख क्षेत्रों में से एक है, की ग्रामीण महिलाओं हेतु संस्थान द्वारा ‘जैविक खेती’ प्रषिक्षण का आयोजन अगस्त 06-11, 2024 तक किया जा रहा है।
जिला प्रषासन, बीजापुर से आये अधिकारियों के अनुसार प्रषिक्षण का उद्देष्य नक्सलवाद से प्रभावित ग्रामीण महिलाओं को जैविक कृषि से जोड़कर उनके आय में वृद्धि करना है। कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर निदेषक प्रसार षिक्षा डा. जितेन्द्र क्वात्रा ने कहा कि आज जैविक उत्पाद की देष सहित विदेषों में भारी मांग है। ये ग्रामीण महिलाएं कृषक उत्पादक संगठन का गठन कर जैविक उत्पादों का विपणन करते हुए अपनी आजीविका संवर्धन कर सकती हैं।
विषेष रूप से उन्होंने जैविक विधि से सब्जियों की खेती, समन्वित कृषि प्रणाली एवं पषुपालन कर मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार एवं आय बढ़ाने की सलाह दी। डा. बी.डी. सिंह, प्राध्यापक, सस्य विज्ञान ने प्रतिभागियों का स्वागत करने के साथ-साथ समेटी द्वारा सम्पादित किये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रम के बारे में चर्चा किया।
उन्होंने बताया कि इस प्रषिक्षण में जैविक खेती- परिचय, सिद्धान्त एवं लाभ, जैविक कृषि के अन्तर्गत प्रयुक्त होने वाले विभिन्न कृषि निवेषों का विवरण, जैविक विधि से फसलों की उन्नत खेती, सब्जियों की जैविक विधि से खेती विषेषतः पाॅलीहाउस में जैविक टमाटर, षिमला मिर्च एवं खीरा उत्पादन तकनीक, पाॅलीहाउस की संरचना एवं सूक्ष्म सिंचाई तकनीक का प्रयोग, जैविक कृषि के अन्तर्गत पोषक तत्व प्रबन्धन, जैविक विधि से कीट रोग नियंत्रण, जैविक सब्जी उत्पादन में जैव नियंत्रकों का महत्व, जैविक विधि से उत्पादित दुग्ध उत्पादों का मूल्यवर्धन एवं जैविक फसलों के प्रमाणीकरण की विधियाँ एवं प्रमाणीकरण से होने वाले लाभ जैसे विषयों पर व्याख्यान आयोजित किया जायेगा।
प्रदर्षन एवं प्रयोगात्मक षिक्षण हेतु प्रतिभागियों को विष्वविद्यालय के फसल अनुसंधान केन्द्र, उद्यान अनुसंधान केन्द्र, मत्स्य, षैक्षणिक डेयरी फार्म, नगला, मषरूम अनुसंधान केन्द्र इत्यादि का भ्रमण कराया जायेगा। इस प्रषिक्षण कार्यक्रम में दिव्या नेगी, पब्लिक पाॅलिसी अधिकारी, श्री निखिल महापात्रा, जिला परियोजना प्रबन्धक, श्री कृष्णा कुमार, सहायक निदेषक कृषि, बीजापुर व श्री संजय मालाकर, आत्मा अधिकारी सहित 10 महिला कृषक प्रतिभाग कर रही हैं।