(पंत विश्वविद्यालय) राज्यपाल और कुलपति को पत्र भेजकर ठेका मजदूरों को नियमित करने की उठाई मांग

उत्तराखंड के महामहिम राज्यपाल एवं विश्व विद्यालय पंतनगर के कुलपति को पत्र प्रेषित कर ठेका मजदूरों को नियमानुसार नियमित करने एवं ग्रेच्युटी, बोनस, बीमा, वर्ष में 20 दिनों का सवैतानिक अवकाश दिए जाने की ठेका मजदूर कल्याण समिति द्वारा मांग की गई। जिसकी प्रति उपश्रमायुक्त ऊधम सिंह नगर को भेजी गई है।

ठेका मजदूर कल्याण समिति द्वारा दिए पत्र में कहा गया है कि विश्व विद्यालय पंतनगर में वर्ष 2003 से कई ठेकेदार आते जाते रहे पर ठेका मजदूर पिछले 15-20 वर्षों से लगातार कार्यरत हैं । इन्हें नियमानुसार नियमित किया जाना चाहिए। उत्तराखंड शासन की विनियमितिकरण नियमावली वर्ष 2011 एवं नियमावली 2013 में लगातार 10 वर्ष की सेवा कर चुके मजदूरों को नियमित करने का निर्देश दिया गया है।

इतना ही नहीं सर्वोच्च न्यायालय के समान काम समान वेतन एवं लगातार 10 वर्ष से ज्यादा सेवा कर चुके मजदूरों को नियमित किये जाने के निर्देश के बावजूद पंतनगर वर्षों से लगातार कार्यरत मजदूरों को नियमित नहीं किया जा रहा है। जबकि वर्ष 2003 से पूर्व से लगातार कार्यरत मजदूरों की याचिका पर माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड नैनीताल द्वारा आदेश देकर अन्य कर्मियों की भांति नियमित किए जाने का निर्देश दिया गया है। फिर भी वर्ष 2003 के बाद से लगातार कार्यरत मजदूरों की उपेक्षा की जा रही है। इन्हें नियमित नहीं किया जा रहा है और न ही श्रम कानूनों द्वारा देय सुविधाएं दी जा रही है।

ठेका मजदूर उन्मूलन अधिनियम 1970 के तहत सीधे नियुक्त कर्मियों और ठेका मजदूर के रूप में कार्यरत कर्मचारियों को समान वेतन, अवकाश, इत्यादि समान सुविधाएं दिए जाने की बात की गई है। विश्व विद्यालय पंतनगर द्वारा सीधे नियुक्त कर्मियों को बोनस ग्रेच्युटी वर्ष में 20 दिनों का सवैतानिक अवकाश दिया जा रहा है परन्तु ठेका मजदूरों को वर्ष 2003 आज़ तक बोनस नहीं दिया जा रहा है। ग्रेच्युटी नहीं दिया जा रहा है ।

वर्ष में 20 दिनों का सवैतानिक अवकाश नहीं दिया जा रहा है। इतना ही नहीं उत्तराखंड शासन की अधिसूचना द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन तक नहीं दिया जा रहा है महीने में 26 कार्य देने के बजाय मात्र 20/22 दिनों का कार्य, वेतन दिया जा रहा है। महीने में 26 कार्य दिवसों का वेतन नहीं दिया जा रहा है। ठेका मजदूरों से भेद-भाव शोषण उत्पीडन किया जा रहा है।

अंत में पत्र में वर्षा से लगातार कार्यरत मजदूरों को नियमित करने एवं बोनस, ग्रेच्युटी, वर्ष में 20 दिनों का सवैतानिक अवकाश दिए जाने तथा पूरे महीने काम देकर महीने में 26 कार्य दिवसों का न्यूनतम वेतन दिए जाने की मांग की गई है।

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