(पन्तनगर किसान मेला) ये होंगी कृषि कुंभ की विशेषताएं, जानिए सब कुछ

पन्तनगर विष्वविद्यालय के निदेषक प्रसार षिक्षा डा. जितेन्द्र क्वात्रा ने बताया कि प्रदेश के कृषि आधारित गाँवांे का चहुमुंखी विकास आज के परिपेक्ष में एक चुनौती है। मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि में बहुत भिन्नता देखी जाती है। मैदानी क्षेत्रों में खाद्यान्नों की उत्पादकता राष्ट्रीय उत्पादकता से अधिक है लेकिन पर्वतीय क्षेत्र में अभी भी पारम्परिक खेती अपनायें जाने के कारण उत्पादकता का स्तर काफी कम हैं।

इसके अतिरिक्त भौगोलिक क्षेत्र व जलवायु की विविधता, छोटी एवं बिखरी जोतों का बाहुल्य तथा खेती की वर्षा पर निर्भरता आदि प्रदेष की कृषि व्यवस्था हेतु विभिन्न चुनौतियां हैं। उपरोक्त परिपेक्ष में राष्ट्रीय विकास में पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों के सुदूर ग्रामीण अंचल के किसानों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।

किसानों को वैज्ञानिक खेती के विषय में जागरूक करना तथा नई-नई विकसित तकनीकों को किसानों द्वारा उपयोग हेतु उन्हें सक्षम बनाकर कृषि विकास की धारा को आगे बढ़ाना आवष्यक है।


मेले में कृषकों हेतु उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाएंः इस मेले में खरीफ की प्रमुख फसलों जैसे धान, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द एवं सोयाबीन आदि के वैज्ञानिक पद्धति से लगाये गये प्रदर्षनों को कृषकों हेतु प्रदर्षित किया जायेगा तथा फसल अनुसंधान केन्द्र, बीज उत्पादन केन्द्र एवं विष्वविद्यालय फार्म द्वारा उत्पादित रबी की प्रमुख फसलों-गेंहूँ, चना, मटर, जौ, मसूर, तोरिया, सरसों आदि के प्रमाणित एवं आधारीय बीज एवं सब्जी अनुसंधान केन्द्र द्वारा उत्पादित विभिन्न सब्जियों के बीज, आदर्ष पुष्प उत्पादन केन्द्र द्वारा उत्पादित विभिन्न पुष्पों के बीज एवं पौध, उद्यान अनुसंधान केन्द्र द्वारा तैयार किये गये आम, लीची, अमरूद, नींबू, पपीता इत्यादि फल पौध विक्रय हेतु उपलब्ध होंगे। साथ ही विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्र्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त निजी कम्पनियों एवं निगमों द्वारा स्टाॅल लगाकर उन्नतषील बीजों की बिक्री की जायेगी।


मेले के दौरान विभिन्न फर्मों द्वारा टैªक्टर, कम्बाइन हार्वेस्टर, पावर टिलर, पावर वीडर, प्लान्टर मषीन, सब-स्वायलर, सिंचाई यंत्रों एवं अन्य आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रदर्षन कर उनके बारे में जानकारी दी जायेगी। मेले में विष्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों, विष्वविद्यालय के वाह्य षोध केन्द्रों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा राष्ट्रीय एवं अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त विभिन्न फर्मों द्वारा अपने-अपने उत्पादों एवं तकनीकों का प्रदर्षन किया जायेगा।

मेले में प्रदर्षनी एवं प्रतियोगिता कार्यक्रम के अन्र्तगत फल-फूल, षाक-भाजी एवं उनके उत्पादों की प्रदर्षनी व प्रतियोगिता, पशु प्रदर्षनी व प्रतियोगिता, आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रदर्षन तथा संकर बछियों की नीलामी का भी आयोजन किया जा रहा है। मेले में विभिन्न बैंको के द्वारा स्टाॅल लगाकर कृषकों को कृषि योजनाओं, कृषि ऋण, फसल बीमा एवं किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में जानकारी प्रदान की जायेगी।

मेले में विषेष व्याख्यानमाला के अन्तर्गत व्याख्यान दिये जायेंगे तथा कृषकों की समस्याओं पर आधारित प्रत्येक दिन सायं 3.30 से 6.30 तक कृषक गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कृषक अपनी समस्याओं का विष्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से विचार-विमर्ष कर जानकारी प्राप्त कर समाधान कर सकते हैं। प्रत्येक दिन कृषकों के मनोरंजन हेतु किसान मेला स्थल में सायं 7.00 से 8.30 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम छात्रों तथा परिसरवासियों की ओर से आयोजित किये जाते हैं।

मेले के दौरान कृषकों के लिए विष्वविद्यालय द्वारा प्रकाषित साहित्यों के क्रय पर विषेष छूट का प्रावधान दिया गया है। मेले मंे कृषकों को विष्वविद्यालय के विभिन्न केन्द्रों जैसे फसल अनुसंधान केन्द्र, मषरूम षोध एवं विकास केन्द्र, औषधीय एवं सगन्ध पादप अनुसंधान एवं विकास केन्द्र, बीज उत्पादन केन्द्र, सब्जी अनुसंधान केन्द्र, आदर्ष पुष्प अनुसंधान केन्द्र, उद्यान अनुसंधान केन्द्र, कृषि वानिकी अनुसंधान केन्द्र, मत्स्य अनुसंधान केन्द्र, विष्वविद्यालय फार्म, षैक्षणिक पोल्ट्री फार्म, षैक्षणिक डेयरी फार्म एवं बीज विधायन संयंत्र पर विष्वविद्यालय वाहनों से भ्रमण के लिए निःषुल्क व्यवस्था की गई है।


विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा कृषि की नवीनतम तकनीकों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सदैव अभिनव प्रयास किये जा रहे हैं तथा सभी क्षेत्रों के किसानों हेतु एक उदाहरण प्रस्तुत करने का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान मंे उŸाराखण्ड राज्य के सुदूर क्षेत्रों में कृषकों तक अद्यतन जानकारी पहुंचाने के लिए विष्वविद्यालय द्वारा 9 कृषि विज्ञान केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। इस निदेशालय के अन्तर्गत राज्य कृषि प्रबन्धन एवं प्रसार प्रषिक्षण संस्थान (समेटी), उत्तराखण्ड, प्रशिक्षण एवं भ्रमण इकाई, कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्र, पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान प्रसार, कृषि अभियंत्रण प्रसार एवं गृह विज्ञान प्रसार इकाईयां कार्यरत हैं।

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