पन्तनगर विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़ एवं कृषि मौसम विज्ञानी संघ (ए.ए.एम.), आनन्द, गुजरात की बीच एक त्रिपक्षीय समझौता (एम.ओ.यू.) हुआ।
इस सहमति पत्र पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़ से डा. राधिका त्रिखा, मुख्य परिचालन अधिकारी, टी.आई.एफ.ए, अवध कृषि मौसम विज्ञानी संघ (ए.ए.एम.) के अध्यक्ष डा. के.के. सिंह एवं सचिव डा. एस.बी. यादव और पन्तनगर विश्वविद्यालय की ओर से शोध निदेशक डा. अजीत सिंह नैन द्वारा हस्ताक्षर किये गये।
उक्त एम.ओ.यू. में कृषि, जल, बागवानी के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और नवाचारों के माध्यम से छात्रों एवं किसानों के विकास के उद्देश्य से पारस्परिक हित की गतिविधियों को और अधिक मजबूती प्रदान करना है एवं साइबर-भौतिक प्रणालियों की तैनात करना भी शामिल होगा। इस एम.ओ.यू. का लक्ष्य जल/उद्योग उत्सर्जन, मूल्यांकन, उपचार और प्रबन्धन, भूमि संसाधनों का उन्नयन और कृषि की तैयारी, कृषि स्वचालन और परिशुद्धता खेती, कृषि व्यवसाय बाजार, कृषि एवं जल के क्षेत्र में इंटरनेट आफ थिंग्स (प्वज्) प्रणालियों का अनुप्रयोग, संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम, संयुक्त सहयोगी परियोजनाएं है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा वर्चुअल माध्यम से इस सहमतिपत्र को निष्पादित करने पर खुशी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस त्रिपक्षीय सहयोग से छात्रों, संकाय सदस्यों और तकनीकी कर्मचारियों सहित कर्मियों का आदान-प्रदान होगा जिससे अधिक एकीकरण क्षमता निर्माण और कार्य की प्रकृति के अनुसार जहां भी आवश्यक हो एक संगठित रूप से कार्य व्यवस्था की सुविधा प्रदान की जा सकेगी।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव डा. दीपा विनय द्वारा हर्ष व्यक्त करते हुए आशा की गई की इस समझौते पत्र के माध्यम से नई शिक्षा प्रणाली को विश्वविद्यालय में प्रभावी रूप से लागू करने में मदद मिलेगी।
निदेशक शोध डा. अजीत सिंह नैन ने बताया कि सभी संस्थायें मिलकर संकाय सदस्यों एवं छात्रों के कौशल विकास में प्रभावी रूप से कार्य करेंगी एवं आटोमेशन एवं साइबर फिजिकल सिस्टम के क्षेत्र में अनेकों स्टार्टअप एवं उद्यमों की स्थापना संभव होगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़ की डा. त्रिखा द्वारा अवगत कराया गया कि ऐसे सभी स्टार्टअप को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान धन मुहैय्या करायेगा एवं साथ ही पन्तनगर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़ द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। डा. के.के. सिंह द्वारा हर्ष व्यक्त करते हुए आशा व्यक्त की गई कि कृषि मौसम विज्ञान के क्षेत्र में भी अनेकों स्टार्टअप विकसित होंगे जिससे मौसम विज्ञान के विद्यार्थियों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
इस अवसर पर विष्वविद्यालय के अधिष्ठाता स्नातकोत्तर डा. के.पी. रावेरकर, अधिष्ठाता कृषि डा. एस.के. कष्यप, अधिष्ठाता पषुचिकित्सा महाविद्यालय डा. एस.पी. सिंह, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा. बृजेष सिंह, निदेषक संचार, डा. जे.पी. जायसवाल, निदेषक विधि, डा. टी.पी. सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (फार्म) डा. जयंत सिंह एवं शोध निदेषालय के संयुक्त निदेषक डा. के.पी. सिंह, डा. पी.के. सिंह, डा. सुभाष चन्द्रा, डा. धीरेन्द्र सिंह, डा. अनिल कुमार, डा. अजय कुमार तथा डा. एस.बी. भारद्वाज एवं डा. राजीव रंजन, सहायक प्राध्यापक, कृषि मौसम विभाग आदि मौजूद थे।