मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पोर्टल के संविदा कर्मचारी को पुलिस उसके साथी समेत 2500 रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में पकड़ा है। आरोपी हरिद्वार निवासी एक व्यक्ति की शिकायत का निस्तारण करने के लिए यह रकम मांग रहा था।
इसके लिए संविदा कर्मचारी ने अपने खाते का क्यूआर कोड भी पीड़ित तक पहुंचाया था। राजपुर थाने में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
गोपनीय शिकायत के आधार पर प्राथमिक जांच के लिए एसओजी को जिम्मेदारी दी गई थी। पता चला कि मनोज ठकराल हरिद्वार के गुरुकुल नारसन में एक रेस्टोरेंट में मैनेजर के पद पर काम कर रहे थे। लेकिन, रेस्टोरेंट संचालक ने मनोज का तय वेतन नहीं दिया।
इस पर उन्होंने श्रमायुक्त कार्यालय रुड़की में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन, कोई कार्रवाई न होने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1905 पर भी शिकायत दर्ज करा दी। इसके बाद उन्हें शैलेंद्र गुसाईं नाम के व्यक्ति ने खुद को सीएम हेल्पलाइन का कर्मचारी बताते हुए कॉल की। उसने कहा कि उनकी शिकायत का निस्तारण हो जाएगा लेकिन इसके लिए 2500 रुपये देने होंगे। शैलेंद्र ने मनोज ठकराल को व्हाट्सएप पर एक क्यूआर कोड भी भेज दिया।
एसओजी ने गोपनीय जांच के आधार पर पाया कि यह क्यूआर कोड शैलेंद्र का नहीं बल्कि किसी और के खाते का है। इसके बाद सच्चाई सामने आई कि क्यूआर कोड शुभम आनंद नाम के युवक का है। शुभम आनंद मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में संविदा पर तैनात है। उसी ने शैलेंद्र गुसाईं को मनोज ठकराल का मोबाइल नंबर भेजा था। ताकि वह उससे बात कर रिश्वत मांग सके।
एसएसपी ने बताया कि इस मामले में सब इंस्पेक्टर आदित्य सैनी की तहरीर के आधार पर राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस इस बात की भी जानकारी कर रही है कि कहीं किसी अन्य व्यक्ति के साथ तो इस तरह की ठगी नहीं हुई है। दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। शुभम आनंद मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में गत छह महीने से काम रहा है।
वह इस वक्त कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव के पद पर है। उसका वेतन 10500 रुपये प्रति माह है। शुभम आनंद माउंट व्यू कॉलोनी आईटी पार्क का रहने वाला है। जबकि, उसका साथी शैलेंद्र गुसाईं कैनाल रोड, गुमानीवाला, ऋषिकेश का रहने वाला है। वह इस वक्त टूर एंड ट्रैवल व प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है।