प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बदलते जलवायु के अनुकूल टिकाऊ खेती के लिये 34 विभिन्न फसलों तथा 27 बागवानी फसलों की कुल 109 प्रजातियों को जारी किया।
इन प्रजातियों में देष के प्रथम कृषि पन्तनगर विष्वविद्यालय द्वारा विकसित दलहनों की 3 प्रजातियों क्रमषः पन्त चना 10, पन्त मसूर 14 एवं पन्त मटर 484 तथा चारे की सी.एस.वी. 57 एफ. प्रजाति को जारी किया गया।
विष्वविद्यालय की इन प्रजातियों को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा उगाये जाने हेतु जारी किये जाने पर विष्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा हर्ष व्यक्त करते हुए इन प्रजातियों को विकसित करने वाले वैज्ञानिकों को बधाई दी साथ ही उन्होंने वैज्ञानिकों से किसानों (विषेषकर छोटे एवं सीमान्त किसानों) की सकल आय बढ़ाने के लिये उनके उपयुक्त प्रजातियों एवं उनकी उत्पादन तकनीकों को विकसित करने का आहवान किया।
उन्होंने बताया कि विष्वविद्यालय द्वारा विभिन्न दलहनों की एक से बढ़कर एक 65 से अधिक प्रजातियों को विकसित कर इनकी उच्च गुणवत्ता की बीज किसानों को उपलब्ध कराये जा चुके है, जिससे देष का दलहन उत्पादन ना केवल रिकार्ड 26 मिलियन टन तक बढ़ गया है बल्कि इसमें एक स्थायित्व भी आया है, जिस कारण दालों की कीमतों में एक ठहराव बना हुआ है।
अभी विगत वर्ष ही इस विष्वविद्यालय द्वारा रबी दलहनों की 7 अधिक पैदावर देने वाली प्रजातियों को विकसित कर किसानों को समर्पित किया गया है। हरे चारे की प्रजाति सी.एस.वी. 57एफ. में ना केवल चारे की अधिक पैदावार है बल्कि यह पोषण से युक्त आसानी से पचने वाली प्रजाति है।
इससे पूर्व भी विष्वविद्यालय द्वारा चारा ज्वार की प्रजाति सी.एस.एच. 24एम.एफ. किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हुयी। विष्वविद्यालय के निदेषक षोध डा. ए.एस. नैन द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में इन सभी प्रजातियों का वृहद स्तर पर बीज पैदा कराया जा रहा है तथा आने वाले समय में किसानों को उपलब्ध कराया जायेगा।