पंतनगर विश्वविद्यालय में हर्षोल्लास से मनायी गयी 137वीं पंत जयंती, कार्यवाहक कुलपति एवं कुलसचिव डा. दीपा विनय ने किया माल्यार्पण


भारत रत्न पंडित गोविन्द बल्लभ पंत की 137वीं जयंती के अवसर पर पंतनगर विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी सेंटर (नाहेप भवन) में पंडित पंत की प्रतिमा पर आज प्रातः विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति एवं कुलसचिव डा. दीपा विनय तथा विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, कर्मचारी व विद्यार्थियों ने माल्यार्पण किया।

इसके उपरांत भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के संदेश को कुलसचिव डा. दीपा विनय; प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संदेश को अधिष्ठाता स्नातकोत्तर महाविद्यालय डा. के.पी. रावेरकर; उत्तराखण्ड के राज्यपाल, ले. जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह के संदेश को अधिष्ठात्री अलकनंदा अशोक; उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री, श्री पुष्कर सिंह धामी का संदेश, अधिष्ठाता कृषि डा. एस.के. कश्यप, कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी का संदेश, अधिष्ठाता मत्स्य डा. अवधेश कुमार तथा कुलपति डा. मनमोहन सिंह चैहान के संदेश को अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा. बृजेश सिंह द्वारा पढ़ा गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशक, वैज्ञानिक, अध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।


विश्वविद्यालय के डा. रतन सिंह सभागार में आयोजित मुख्य समारोह में मुख्य अतिथि डा. दीपा विनय ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। समारोह में सम्बोधित करते हुए डा. दीपा विनय ने कहा कि पंडित पंत दूर-दृष्टा थे, उन्होंने भारत की कृषि पर बढ़ती जनसंख्या को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी को भांपते हुए पंतनगर में देश के प्रथम कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की। उन्होंने विद्यार्थियों से उनके गुणों का अनुसरण करने के लिए कहा तथा शिक्षा के उन्नयन हेतु निरन्तर प्रयास करते रहने की आवश्यकता बतायी।


पंत भवन के मुख्य अभिरक्षक तथा अधिष्ठाता, पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विज्ञान महाविद्यालय, डा. ए.एच. अहमद; अधिष्ठाता, छात्र कल्याण, डा. बृजेश सिंह; अधिष्ठाता, कृषि डा. एस.के. कश्यप ने पंडित पंत के व्यक्तिव के बारे में बताते हुए उनके शिक्षा को उन्नति का मार्ग समझने, समय के प्रबंधन, सकारात्मक रूख, सत्यनिष्ठ, दृढ़ निश्चयी एवं साहसी गुणों के बारे में बताया तथा युवाओं को उनके गुणों से प्रेरणा प्राप्त करने के लिए कहा।


पशुचिकित्सा एवं पशुपालन विज्ञान महाविद्यालय के छात्र अयान सिंह एवं वैभव गौड़ ने पंडित पंत जी के जीवन तथा कार्यों के बारे में बताया। इस अवसर पर पशुचिकित्सा एवं पशुपालन विज्ञान महाविद्यालय तथा अन्य महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। कार्यक्रम के प्रारम्भ में छात्रावास अभिरक्षक, पंत भवन छात्रावास, डा. सतीश कुमार ने सभी का स्वागत किया। अंत में पंत भवन सोसायटी के महासचिव दीपक जोशी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन पशुचिकित्सा एवं पशुपालन विज्ञान महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा किया गया। 

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