पंतनगर विश्वविद्यालय की प्रबंध परिषद् ने लापरवाह और न्यायिक मामलों में फंसे कर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का निर्णय लिया है। जारी आदेश में क्या कुछ कहा गया है पढ़िए…
कार्मिकों के स्वैच्छिक एवं अनिवार्य सेवानिवृत्ति के संदर्भ में माननीय प्रबन्ध परिषद की 249वीं बैठक दिनांक 45.0.2024 में प्रस्तुत प्रस्ताव पर माननीय प्रवन्ध परिषद् द्वारा संकल्प संख्या 249 अ-2 में निम्न संकल्प पारित किया गया है-
‘माननीय प्रबन्ध परिषद् द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर गहन विचार-विमर्श करने के उपरान्त माननीय प्रबन्ध परिषद् द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए कुलपति महोदय को अधिकृत किया गया कि वित्तीय हस्त पुस्तिका के माग 2 से 4 मूल नियम अध्याय-9, 56 के अधीन वे ऐसे कार्मिकों जो संस्था हित्त में कार्य नहीं करते हैं, अथवा जिनके विरुद्ध विभागीय अथवा न्यायिक कार्यवाहियाँ आसनन्न हों. उनके विरुद्ध अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाहियाँ कर सकते हैं तथा जो शिक्षणेत्तर कार्मिक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेना चाहें, उन पर भी नियमानुत्तार कार्यवाही करने का निर्देश दिया”।
अतः माननीय प्रबन्ध परिषद् द्वारा पारित उपरोक्त संकल्पानुसार ऐसे कार्मिक जिनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाहियाँ आसन्न हुई हों अथवा निकट भविष्यश् में जाँच की जानी – अपेक्षित हो, लोकहित व संस्था हित में कार्य नहीं करते हों तथा अपनी सेवा से अन्यत्र गतिविधियों में लिप्त रहते हों, -के मामलों में संबंधित विभागाध्यक्षों द्वारा अग्रेत्तर कार्यवाही हेतु अधिष्ठान विभाग को प्रस्ताव प्रेषित किया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।