पंत विश्वविद्यालय की इन समास्याओं के लिए सौंपा मांग पत्र, पूर्व विधायक शुक्ला ने मुख्यमंत्री धामी से की मुलाकात

पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उनके सफलतम 3 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर बधाई दी एवं पंतनगर विश्वविद्यालय के शिक्षकों/ वैज्ञानिकों की समस्याओं एवं कैंपस स्कूल पंतनगर के शिक्षकों/ कर्मचारियों की समस्याओं से संबंधित मांग पत्र सौंप कर समाधान करने का निवेदन किया।

पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बताया कि पंतनगर विश्वविद्यालय के नियंत्रक द्वारा मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र के अनुसार विश्वविद्यालय में सामान्य बजट में 390 पद रिक्त हैं तथा ACRIP एवं KVK के वैज्ञानिक/शिक्षकों के सापेक्ष 140 पदों पर इन शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है परंतु शासन से इस पत्र पर अभी तक अनुमति नहीं मिली, इस दौरान विश्वविद्यालय ने उक्त पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया को विज्ञापित किया है ऐसा करने से यह 140 शिक्षक/ वैज्ञानिक अधर में रह जाएंगे, आपके निर्देश पर गठित कमेटी द्वारा इन वैज्ञानिकों की समस्या हल करने हेतु हुई एक बैठक में यह सैद्धांतिक सहमति बनी थी कि इन्हें समायोजित किया जाए, इसी दौरान जिन वैज्ञानिकों/शिक्षकों को विश्वविद्यालय ने 60 वर्ष होने पर सेवानिवृत्ति किया था उनके हक में हाई कोर्ट नैनीताल का निर्णय भी आ गया कि यह विश्वविद्यालय के कर्मचारी हैं अत: इन्हें 65 वर्ष तक कार्य करने का हक है। अतः हाईकोर्ट के निर्णय के बाद इस तरह के 140 शिक्षकों/ वैज्ञानिकों को विश्वविद्यालय का कर्मचारी माना जाए, विश्वविद्यालय के सामान्य बजट के रिक्त 390 पदों में से इन वैज्ञानिकों के सापेक्ष 140 पदों पर इनका समायोजन किया जाए, तब तक विश्वविद्यालय को इन पदों पर सीधी भर्ती न करने हेतु निर्देशित किया जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल मुख्य सचिव को निर्देशित किया कि इस संबंध हाइकोर्ट के निर्णय को लागू करने के साथ ही हाइकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की जरूरत नहीं है। ऐसे सभी 140 शिक्षको/वैज्ञानिकों को पंतनगर विश्वविद्यालय का शिक्षक माना जाए अथवा विश्वविद्यालय के समान्य बजट में समायोजन करें।

साथ ही पंतनगर विश्वविद्यालय के कैंपस में स्थित कैंपस स्कूल (नर्सरी से इंटर) के शिक्षक एवं कर्मचारियों को कई माह से वेतन नहीं मिला है इस विद्यालय के संरक्षक कुलपति पंतनगर विश्वविद्यालय हैं तथा उनके द्वारा गठित कमेटी से इसका प्रबंधन होता है परंतु इस विद्यालय के कर्मचारी/ शिक्षकों को विश्वविद्यालय का कर्मचारी नहीं माना जाता है और न ही इन्हें मान्यता प्राप्त विद्यालय का दर्जा है और ना ही प्राइवेट स्कूल का दर्जा है अतः कैंपस स्कूल को या तो पंतनगर विश्वविद्यालय में समाहित किया जाए अथवा इसे पूर्ण रूप से सरकारी स्कूल (राज्य सरकार) में निहित किया जाए ताकि इसके शिक्षको एवं कर्मचारियों की समस्याओं का हल हो सके। जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सहमति जताई।

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