जनपद चंपावत की कई भू भागों तथा वन क्षेत्रों में वर्तमान में वनाग्नि की घटनाएं घटित हो रही हैं। जनपद चंपावत अंतर्गत कतिपय स्थानीय कस्तकारो के द्वारा फसलों की पराली, खेतों के किनारे उगी झाड़ियों आदि को आग लगाकर नष्ट किए जाने के कारण तेज हवा आदि कारणों से समीपवर्ती वनों में वनाग्नि की घटनाएं घटित हो रही है।
इसके अतिरिक्त अराजक तत्वों द्वारा जानबूझकर भी वनों में आग लगाई जा रही है। जिससे मानव जीवन, स्वास्थ्य, जीव जंतु तथा पर्यावरण को खतरा उत्पन्न हो रहा है। जानकारी देते हुए अपरजिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा ने जनपद चंपावत की सीमा क्षेत्रांतर्गत धारा144 अंतर्गत वनाग्नि की रोकथाम एवं वनों की सुरक्षा हेतु जनपद चंपावत में 6 मई से अग्रिम आदेशों तक फसलों की पराली, झाड़ झंकार आदि को जलाना साथ ही किसी भी व्यक्ति द्वारा कूड़ा व अन्य अपशिष्ट पदार्थों को खुले में जलना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।
उन्होंने कहा कि किसी भी नगर निकाय द्वारा भी किसी भी स्थान पर कूड़ा जलकर नष्ट नहीं किया जाएगा। इसके अतिरिक्त जनपद के समस्त पेट्रोल पंप स्वामी, रिसोर्ट के मालिक, गैस गोदाम प्रबंधक, लिसा डिपो के सक्षम प्राधिकारी तथा जनपद के सभी दुकानदार अपने-अपने प्रतिष्ठानों में 15 मीटर की परिधि में कूड़ा एकत्रित नहीं होने देंगे और कूड़े का निस्तारण जलाकर नहीं करेंगे।
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि उक्त आदेश का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम- 2005 के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।