जिला मुख्यालय उत्तरकाशी में वरुणावत पहाड़ी व गोफियारा क्षेत्र में भड़की वनाग्नि पर को नियंत्रण में करने का अभियान पूरी रात जारी रहा। अथक संघर्ष के बाद आग को नियंत्रित कर शहर की तरफ बढ़ने से रोक लिया गया है। इस आग को बुझाने में जुटी टीमो की बहादुरी और अथक प्रयास अत्यंत सराहनीय है। वन संपदा को बचाने तथा नगर क्षेत्र पर आसन्न खतरे को टालने के लिए इन जांबाज फायर फाइटर्स का हार्दिक धन्यवाद।
वनाग्नि नियंत्रण के लिए हमेशा इसी तरह के समन्वित और प्रतिबद्ध प्रयास किये जाने की अपेक्षा करते हुए मैंने वन विभाग सहित एनडीआरएफ, एसडीआरफ, पुलिस व अग्निशमन विभाग को चारधाम यात्रा मार्गों से लगे वन क्षेत्रों में वनाग्नि के नियंत्रण को लेकर अत्यधिक सतर्कता तथा तत्परता बरते जाने के निर्देश दिए हैं।
गत सांय लगभग 8 बजे वरुणावत पहाड़ी पर आग भड़क उठी थी। सूचना मिलते ही वनकर्मियों सहित क्यूआरटी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस व फायर ब्रिगेड के जवानों को इस आग को बुझाने के अभियान में जुटाया गया था। मैं स्वयं भी अभियान का निर्देशन करने के साथ ही रातभर आग से जूझती टीमों की हौसला-अफजाई करता रहा।
आपदा नियंत्रण कक्ष से आग बुझाने के इस अभियान पर निरंतर नजर रख कर इस काम में जुटी टीमो के बीच समन्वय बनाने तथा आवश्यकतानुसार अतिरिक्त संसाधनों के प्रबंधन की कार्रवाई की गई । जंगल की आग के तेजी से आबादी क्षेत्र की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए दो अग्निशमन वाहनों को भी तैनात किया गया था।
आग से प्रभावित वरुणावत क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति अत्यंत चुनौतीपूर्ण होने के कारण आग बुझाने के काम में लगातार काफी कठिनाई पेश आती रही। आग की विकराल होती लपटों के बीच पहाड़ी से गिरने वाले पत्थरो ने इस अभियान को काफी जोखिमपूर्ण बना दिया था। इसके बावजूद जांबाज टीमों ने रातभर निरंतर जूझते हुए अन्ततः आग पर काबू कर लिया।
इस अभियान में उप प्रभागीय वनाधिकारी भटवाड़ी रेंज अधिकारी बाड़ाहाट सहित एनडीआरफ, एसडीआरएफ, वन विभाग, पुलिस, फायर ब्रिगेड, क्यूआरटी, आदि विभागों व संगठनों के सौ से भी अधिक कार्मिको ने सहयोग किया। कुछ स्थानीय निवासियों ने भी आग बुझाने में मदद की है।
तेजी से आबादी क्षेत्र की तरफ बढ़ रही इस आग को रातभर की कड़ी मेहनत के बाद काबू कर लिए जाने से उत्तरकाशी नगर के मुख्य केन्द्रीय क्षेत्र और श्याम स्मृति वन पर आसन्न खतरा टल गया है।
उधर वरुणावत टॉप में आग को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग 20 सदस्य, आइटीबीपी के150 सदस्य, एनडीआरफ के 15 सदस्यों की टीम जुटी हुई है।
अन्य क्षेत्रों में भी वनाग्नि की सूचना मिलने पर आग बुझाने की कार्रवाईयां लगातार जारी हैं।