एन.सी.सी. कैडटों द्वारा किया गया वृक्षारोपण
विष्व पर्यावरण दिवस के अवसर 1 यू.के. एयर स्क्वाड्रन, पन्तनगर के फ्लाइट कैडेटो द्वारा फसल अनुसंधान केन्द्र, पन्तनगर पर विभिन्न छायादार एवं फलदार पौधा का पौधारोपण किया गया। इस अवसर पर कैडटों द्वारा प्रकृति के पर्यावरण को मानव जाति एवं अन्य जीव-जन्तुओं के लिए अनुकूल बनाये रखने के लिये व्याख्यान एवं कविता पाठ किया गया, जिसमें वनों एवं वृक्षों के अंधाधुन कटान के कारण जलवायु पर हो रहे विपरित प्रभावों पर प्रकाष डाला गया साथ ही वृक्षारोपण के महत्व पर जोर दिया गया।
इस अवसर पर विभिन्न संकाय सदस्यों, केन्द्र के संयुक्त निदेषक डा. संजय कुमार वर्मा तथा सह निदेषक एवं विष्वविद्यालय के एन.सी.सी. प्रभारी डा. ए.पी. सिंह द्वारा मानव जीवन में वनों एवं वृक्षों के महत्व पर विषेष जोर देते हुए वृक्षारोपण पर जोर दिया गया। डा. एस.के. वर्मा ने बताया कि देष में लगभग 24 प्रतिषत क्षेत्रफल वन आच्छादित है जबकि मानको के अनुसार 33 प्रतिषत क्षेत्रफल वन आच्छादित होना चाहिए। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में वन आच्छादित क्षेत्र इस राज्य के कुल क्षेत्रफल का लगभग 32 प्रतिषत है।
उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में वृक्षारोपण तो किया जाता है लेकिन रख-रखाव के आभाव में अधिकांष पौधें नष्ट हो जाते है। अतः आवष्यकता इस बात की है कि हम भले ही एक पौधा ही प्रतिवर्ष लगाये लेकिन उसकी षुरूआती दो-तीन वर्षों तक पर्याप्त देखभाल करते हुए बड़ा करना सुनिष्चित करें। वृक्ष ना केवल भीषण गर्मी में छाया देते है बल्कि विभिन्न पशु-पक्षियों को आश्रय देने के साथ-साथ मिट्टी को एक साथ बाधे रहकर भू संरक्षण का कार्य भी करते है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए फ्लाइंग आॅफीसर डा. अजीत प्रताप सिंह द्वारा विभिन्न छायाकार वृक्षों जैसे पाखड़, पीपल, बरगद, महोगनी इत्यादि के वृक्षारोपण विषेष जोर देने का आग्रह किया गया।