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साइबर ठगों द्वारा नये-नये विभिन्न प्रकार के तरीके अपनाकर आमजन को साइबर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है जैसे (फोन कॉल कर AI द्वारा आवाज बदलकर, पोर्टल के माध्यम से अच्छा फायदा दिलाने व ऑनलाइन सामान खरीदने, बिजनेस दिलाने के नाम पर, व्हाटसप पर लॉटरी, बिजली कनेक्शन काटने, टिकट बुकिंग कैंसिल कराने, होटल बुकिंग आदि के नाम पर), ई-मेल, लिंक भेजकर एवं सोशल साइट्स (फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम आदि) पर भिन्न-भिन्न प्रकार के लुभावने ऑफरों के लालच दिया जा रहा है, जिनमें से कई व्यक्ति लालच में आकर साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं।
आधुनिक युग में हो रहे इस प्रकार के प्रकरणों का वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह द्वारा स्वयं संज्ञान लेकर जनपद की साइबर सेल को साइबर सम्बन्धी शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया।
मालती निवासी कोटद्वार, जनपद पौड़ी गढवाल द्वारा साइबर सेल कोटद्वार पर एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उन्हें विश्वास में लेकर मेडिकल कैम्प लगाने के नाम पर ₹ 2,34,999/- धनराशि की साइबर ठगी कर ली है। इस पर साइबर सेल द्वारा त्वरित कार्यवाही कर आवेदिका के खाते में ₹ 2,34,999/- की धनराशि वापस करा दी गयी है जो कि आवेदिका के खाते में वापस प्राप्त हो चुकी है।
महिला द्वारा अपनी मेहनत की कमाई पाकर पौड़ी पुलिस की त्वरित कार्यवाही की प्रशंसा कर धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
साइबर ठगी का शिकार होने से बचने के लिए इन बातों को ध्यान में रखिए:
◆ किसी अज्ञात व्यक्ति के कॉल और मैसेज से सावधान रहें और बिल्कुल भी लालच में न आएं।
◆ किसी को भी अपना Password, OTP, CVV शेयर ना करें।
◆ अंजान लिंक, ऑनलाइन जॉब्स आफर से सम्बन्धित लिंक पर क्लिक ना करें।
◆ अंजान QR Code स्कैन ना करें।
◆ जागरूक बनें एवं अन्य व्यक्तियों को भी जागरूक करें।
◆ यदि कोई भी व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार होता है तो तत्काल नजदीकी थाना एवं साईबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सूचना दें।