कलेक्टेªट सभागार में पंतनगर एयरपोर्ट की विस्तारीकरण सम्बन्धित बैठक लेते हुए जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने कहा कि पंतनगर एयरपोर्ट अथॉरिटी को भूमि आवंटन कर दी गयी है, इसलिए अथॉरिटी एयरपोर्ट विस्तारीकरण का सर्वे, नक्शा आदि बनाना सुनिश्चित करें ताकि कार्य शीघ्रता से हो सकें। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग का जो क्षेत्र एयरपोर्ट विस्तारीकरण की जद में आ रहा है उसके एवज में नये स्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग शिफ्ट करने हेतु एनएचएआई को 103 एकड़ भूमि आवंटित कर दी गयी है जिसके कोडिनेट भी उपलब्ध करा दिये गये है, इस लिए एनएचएआई भी सड़क बनाने हेतु अपना सर्वे प्रारम्भ करें। इसके लिए एनएचएआई व एयरपोर्ट अथोर्टी आपसी समन्वय बनाते हुए कार्य करें।
जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी को दिये कि वे एयरपोर्ट अथॉरिटी को कब्जा दिलाने हेतु कार्य करना सुनिश्चित करें। जिस पर उप जिलाधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी को पंतनगर विश्वविद्यालय व टीडीसी की 524.78 एकड़ भूमि आवंटित की गई है तथा आवंटित भूमि में टीडीसी के भवन आ रहे है जिन्हे ध्वस्तिकरण करने हेतु टेण्डर भी किया जा चुका है।
निदेशक एयरपोर्ट पंतनगर मोनिका डेम्बला ने अवगत कराया कि विमानपत्तनन के बॉउंड्री के भीतर व बाहर कई ऐसे पेड़ है जो प्राकृतिक रूप से बड़े व टेड़े होकर बॉउंड के उपर आ गये है जो सुरक्षा के दृष्टि से अत्यंत खतरनाक है इन पेड़ो के माध्यम से अवांछित तत्व विमानपत्तनन की सुरक्षा को बाधित कर सकते है इन वृक्षो को कटवाने का अनुरोध किया। जिस पर जिलाधिकारी ने प्रभागीय वनाधिकारी को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये। प्रभागीय वनाधिकारी ने बैठक में अवगत कराया कि 15 प्रजाति के प्रतिबंधित पेड़ों के कटान की अनुमति लेनी होती है शेष प्रजाति के पेड़ों को कटान किया जा सकता है। उन्होने यह भी कहा कि प्रतिबन्धित प्रजाति के पेड़ों की सूची एयरपोर्ट अथॉरिटी उपलब्ध करायी जायेगी साथ ही इस कार्य हेतु वन विभाग के अधिकारी को सहयोग के लिए लगाया जायेगा। यदि प्रतिबन्धित प्रजाति के पेड़ एयरपोर्ट विस्तारिकरण परिधि के भीतर है तो उनकी स्वीकृति लेनी होगी। वन विभाग इसके लिए पूर्ण सहयोग करेगा।
बैठक में अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी, प्रभागीय वनाधिकारी यूसी तिवारी, उप जिलाधिकारी मनीष बिष्ट, ओसी गौरव पाण्डेय, सहायक प्रबन्धक एयरपोर्ट नीतिश कुमार, प्रबंधक एनएचएआई मीनू, सहायक निदेशक फार्म पंतनगर डा0 अजय प्रभाकर आदि मौजूद थे।