पन्तनगर विश्वविद्यालय के प्रसार षिक्षा निदेषालय द्वारा एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स-डेसी (डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल सर्विसेज फाॅर इनपुट डीलर्स) का उद्घाटन कार्यक्रम 27 जुलाई 2024 को आयोजित किया गया। डिप्लोमा कोर्स टी.पी. संख्या-2731 समेटी-उत्तराखण्ड एवं मैनेज हैदराबाद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जायेगा।
इस अवसर पर निदेषक प्रसार षिक्षा डा. जितेन्द्र क्वात्रा ने कोर्स की महत्ता पर प्रकाष डालते हुए कहा कि इस कोर्स के द्वारा कृषि निवेष वितरकों को पैरा एक्सटेंषन प्रोफेषनल के रूप में विकसित किया जायेगा। एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के अन्तर्गत इन वितरकों को विष्वविद्यालय द्वारा विकसित नवीनतम तकनीक, विभिन्न खरपतवारनाषी व कीटनाषी रसायनों की प्रयोग विधि, कीटों की पहचान एवं नियंत्रण, जैविक कीटनाषक, जैविक उर्वरक, फर्टीलाइजर कन्ट्रोल आॅडर, कीटनाषी एक्ट, मौसम पूर्वानुमान, तनाव प्रबन्धन जैसे विषयों में दक्ष बनाया जायेगा।
डा. बी.डी. सिंह, नोडल अधिकारी समेटी एवं प्राध्यापक (सस्य विज्ञान) ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से डेसी कोर्स का परिचय, उद्देष्य, कार्यान्वयन, कोर्स का विवरण एवं पाठ्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कोर्स हेतु ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, चम्पावत, रामपुर, पीलीभीत जनपदों से कुल 42 कृषि निवेष वितरक पंजीकृत हुए हैं, जो इस एक वर्षीय कोर्स का हिस्सा बनेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान द्वारा डेसी के अब तक चार बैच प्रारम्भ कर 142 कृषि निवेष वितरकों को प्रषिक्षित किया गया है। कार्यक्रम में संस्थान द्वारा गत वर्ष आयोजित डेसी कोर्स के प्रतिभागी एवं रजत पदक विजेता श्री मनोज अरोरा ने वैज्ञानिकों द्वारा सीखे गये कृषि तकनीक, विभिन्न षोध केन्द्रों एवं प्रयोगषालाओं के भ्रमण इत्यादि के बारे में अपना अनुभव साझा किये। उन्होंने विषेष रूप से प्रतिभागियों से अपील किया कि कोर्स के दौरान सजगतापूर्वक उपस्थित होकर अध्ययन करें।
इस कार्यक्रम से उनके कार्यक्षमता पर अत्यन्त ही सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों द्वारा दो प्रसार साहित्य क्रमषः डेसी-एक परिचय तथा पंत प्रसार संदेष (अप्रैल-जून, 2024) का विमोचन किया गया। इस अवसर पर कुलपति डा. मनमोहन सिंह चैहान द्वारा कोर्स के सफल आयोजन हेतु आयोजकों को बधाई दी गयी। उद्घाटन कार्यक्रम में प्राध्यापक डा. आर.के. षर्मा, डा. संजय चैधरी, डा. निर्मला भट्ट प्रसार षिक्षा निदेषालय ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये।