जानिए क्या है साइबर ठगी या साइबर धोखाधड़ी और इससे बचने के उपाय?

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वर्तमान में साइबर ठगी या साइबर धोखाधड़ी की घटनाएँ अत्यधिक बढ़ गई हैं। साइबर ठगी या साइबर धोखाधड़ी एक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के माध्यम से लोगों को ठगने का क्रियात्मक प्रयास होता है। इसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए इंटरनेट या डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करता है। जैसे कि इमेल फिशिंग (जहां एक फर्जी ईमेल भेजकर व्यक्तिगत या निजी जानकारी प्राप्त की जाती है), वेबसाइट क्लोनिंग (जहां फर्जी वेबसाइट बनाई जाती है जो असली वेबसाइट से बिल्कुल मिलती-जुलती दिखती है), सोशल नेटवर्किंग साइटों पर घटिया उल्लेख, फेसबुक या इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर धोखाधड़ी आदि।

साइबर धोखाधड़ी के कई प्रकार हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • फ़िशिंग: इसमें नकली ईमेल, संदेश या वेबसाइट के माध्यम से व्यक्तिगत या निजी जानकारी प्राप्त करने का प्रयास शामिल है।
  • फोन फिशिंग: इसमें अपराधी फोन के माध्यम से लोगों को धोखाधड़ी से नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, जैसे कि वित्तीय जानकारी चुराना।
  • नकली वेबसाइट: इसमें एक नकली वेबसाइट बनाई जाती है जो विक्रेता का विश्वास हासिल करने और उनकी वित्तीय जानकारी चुराने के लिए बिल्कुल वैध जैसी दिखती है।
  • वायरस और मैलवेयर: इसमें कंप्यूटर और सर्वर के लिए नकली वायरस और मैलवेयर बनाना शामिल है, जिसका इस्तेमाल व्यक्तिगत या कॉर्पोरेट जानकारी को चुराने के लिए किया जा सकता है।
  • अन्य प्रकार की साइबर धोखाधड़ी में पहचान की चोरी, रैंसमवेयर, ऑनलाइन घोटाले, हैकिंग और क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी शामिल हैं। इस प्रकार की धोखाधड़ी से अवगत होना और स्वयं को इनसे बचाने के लिए कदम उठाना महत्वपूर्ण है।

साइबर धोखाधड़ी रोकथाम

  • साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए यहां कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं:
  • किसी भी अवांछित संदेश या ईमेल से सतर्क रहें, और अज्ञात स्रोतों से लिंक पर क्लिक करने या अटैचमेंट डाउनलोड करने से बचे।
  • मजबूत पासवर्ड का प्रयोग करें और उन्हें नियमित रूप से बदलते रहें।
  • अप-टू-डेट एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें, और इसे नियमित रूप से अपडेट करते रहें।
  • विशेष रूप से ऑनलाइन बैंकिंग जैसी संवेदनशील गतिविधियों के लिए सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करने से बचें।
  • सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ने के लिए जहाँ भी संभव हो दो-कारक प्रमाणीकरण का उपयोग करें।
  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि के लिए अपने बैंक खातों, क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट और अन्य वित्तीय जानकारी की नियमित निगरानी करें। किसी भी अंजान व्यक्ति को अपनी निजी जानकारी जैसे कि ओटीपी, पासवर्ड या यूजर आईडी ना बताएं।
  • खुद को और अपने कर्मचारियों को सामान्य घोटालों और फ़िशिंग युक्तियों के बारे में शिक्षित करें ताकि उन्हें पहचानने और उनसे बचने में सक्षम हो सकें।
  • अपने सॉफ़्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को नवीनतम सुरक्षा पैच के साथ अप-टू-डेट रखें।
  • संवेदनशील डेटा और बैकअप के लिए एन्क्रिप्शन का उपयोग करें।
  • मजबूत पहुंच नियंत्रण लागू करें और संवेदनशील डेटा तक पहुंच प्रतिबंधित करें।

इन कदमों को उठाकर आप खुद को और अपने व्यवसाय को साइबर धोखाधड़ी के विनाशकारी परिणामों से बचाने में मदद कर सकते हैं।

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