इंकलाबी मजदूर केंद्र के सक्रिय कार्यकर्ता कामरेड रामभरोसे सिंह की याद मे पुष्प अर्पित कर दी गई श्रद्धांजलि

प्राइमरी स्कूल टा कालोनी में इंकलाबी मजदूर केंद्र एवं ठेका मजदूर कल्याण समिति पंतनगर द्वारा इंकलाबी मजदूर केंद्र के सक्रिय कार्यकर्ता कामरेड रामभरोसे सिंह की याद में शोक सभा की गई और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।



मालूम हो कि 28 जनवरी  2025  को सुबह 4:00 श्री राम मूर्ति अस्पताल बरेली अस्पताल में कामरेड राम भरोसे जी का करीब 77  साल की उम्र में निधन हो गया। वे करीब डेढ़ महीने से बीमार चल रहे थे। उनको थोड़ी अस्थमा की शिकायत पहले से थी। उनको पहले टीवी और फिर पीलिया टेस्ट में पाया गया। उनकी तबीयत लगातार खराब होती चली गई और उन्हें बचाया नहीं जा सका। यह हमारे संगठन की एक अपूर्णीय क्षति है।



कॉमरेड राम भरोसे जी एक गरीब किसान परिवार में जन्मे  इलेक्ट्रीशियन ट्रेड से आईटीआई की पढ़ाई कर उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड की नौकरी की बाद में केंद्रीय कारागार सितारगंज जेल में इलेक्ट्रीशियन पद पर कार्यरत रहे। उसके बाद पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में कार्यरत रहते हुए वर्ष 2006 में सेवानिवृत हुए। जब वे पंतनगर विश्वविद्यालय में कार्यरत थे उसी दौरान 13 अप्रैल 1978 में जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रामनरेश यादव थे विभिन्न मांगों को लेकर चल रहा मजदूरों  के आंदोलन में सक्रिय रहे मजदूरों की सभा पर सरेआम पुलिस द्वारा गोली चलाई गई और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक नया जलियांवाला बाग कांड रच दिया गया। सभी मजदूरों के साथ सरकार द्वारा दमन उन्होंने झेला।



1990 के दशक में जब  सरकार द्वारा  नई आर्थिक नीतियां लागू की गई। जन विरोधी आर्थिक नीतियों का मजदूर वर्ग में भंडाफोड़ करते हुए क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के निर्माण में सक्रिय रहे  और जब इंकलाबी मजदूर केंद्र विशेष तौर पर मजदूर वर्ग के संगठन के रूप में सामने आया तो वह उसमें शामिल हो गये और अंतिम समय तक इंकलाबी मजदूर केंद्र में सक्रिय रहे।


वे सेवानिवृत होने तक पंतनगर इंकलाबी मजदूर केंद्र में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में पंतनगर में चले मजदूरों के आंदोलनों में सक्रिय रहे। सेवानिवृत होने के बाद बरेली में रहने लगे और अंतिम समय तक  इंकलाबी मजदूर केंद्र की इकाई बरेली में सक्रिय भूमिका निभाते रहे। जब वे पंतनगर में कार्यरत थे तो इनका घर मजदूरों ,संगठन के लोगों के लिए सदैव खुला रहता था यही हाल बरेली में भी रहा।



वे पूरे जीवन पर्यंत मजदूर वर्ग की क्रांतिकारी राजनीति में सक्रिय रहे। उनकी सक्रियता में कभी कमी नहीं आई। क्रांतिकारी राजनीति में लोगों के जीवन में उतार चढ़ाव आता रहता है लेकिन उनके साथ ऐसा नहीं हुआ। वह पूरे जीवन सक्रिय रूप से मजदूर वर्ग के प्रति समर्पित एवं सक्रिय रहे। यह सभी साथियों के लिए प्रेरणादायक है। उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए सभी साथियों ने मजदूर वर्ग की क्रांतिकारी राजनीति के प्रति अधिक से अधिक समर्पण एवं त्याग से प्रेरणा लेकर  मज़दूर वर्ग की विचारधारा के आधार पर संगठित होकर उनके अधूरे सपने पूंजीवादी व्यवस्था को खत्म कर समाजवादी व्यवस्था की स्थापना के संघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया।


कार्यक्रम में राशिद, मनोज, रमेश, अभिलाख, सुभाष, मीना,सोना,राजकली, पूजा, अर्जुन, विश्राम, रामप्रताप, श्रवण कुमार, रंजीत, विरेंद्र, रंजन साव, आदि शामिल रहे।

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