उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड परिवहन निगम (यूटीसी) की बसों के लिए निर्धारित 13 मार्गों पर निजी बसों को परमिट जारी करने पर रोक लगाने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने रोडवेज कर्मचारी यूनियन के महासचिव अशोक चौधरी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया।
जनहित याचिका की स्थिरता पर सवाल उठाते हुए सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता को निजी बसों को परमिट जारी करने के फैसले को चुनौती देने के लिए अपीलीय प्राधिकारी से संपर्क करना चाहिए था। बताया गया कि इस मामले में रोडवेज प्रबंधन और यूनियन ने अपनी आपत्ति दर्ज नहीं कराई।
हाईकोर्ट ने सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हुए निजी वाहनों को परमिट जारी करने पर रोक लगाने का आदेश दिया। जनहित याचिका में कहा गया है कि रोडवेज बसों के लिए निर्धारित 13 रूटों को निजी बसों के लिए खोल दिया गया है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि सरकार के इस फैसले से यूटीसी के राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा