पन्तनगर विष्वविद्यालय में डा. हीरालाल चौधरी के सम्मान में उनके द्वारा विकसित ‘उत्प्रेरित मत्स्य उत्पादन की तकनीक’ के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय मत्स्य पालक दिवस का आयोजन 10 जुलाई 2024 को मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय द्वारा किया गया।
इस वर्ष राष्ट्रीय मत्स्य पालक दिवस की फोकल थीम ‘समगतिषील मत्स्य पालन’ निर्धारित की गयी है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कार्यवाहक कुलपति एव कुलसचिव डा. दीपा विनय तथा विषिष्ट अतिथि के रूप में अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा. बृजेष सिंह उपस्थित रहें। कार्यक्रम मंे विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 25 मत्स्य पालक एवं किसानों ने प्रतिभाग किया जिन्हें उच्च गुणवत्तायुक्त कार्प प्रजातियों के लगभग एक लाख मत्स्य बीज का वितरण किया गया। इस अवसर पर डा. दीपा विनय ने किसानों से आवाहन किया कि वे सभी मत्स्य पालन की विकसित तकनीकों का समावेष करते हुए नीली क्रांति के उद्देष्यों की पूर्ति हेतु मत्स्य उत्पादन में अहम भूमिका निभायें तथा पोषणयुक्त मछली से स्वास्थ्य एवं आर्थिक सुरक्षा प्राप्त करें।
कार्यक्रम में डा. बृजेष सिंह ने उनके द्वारा मत्स्य पालन में किये गये उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की तथा सर्वोपयोगी संबंधित मत्स्य पालन की तकनीकी को अपनाने की सलाह दी। कार्यक्रम में अधिष्ठाता, मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय डा. अवधेष कुमार ने कहा कि महाविद्यालय और वैज्ञानिक कृषकों के लिए मिलकर कार्य करेंगे एवं मत्स्य उत्पादन की विकसित तकनीकों का समावेष करवाने में सहयोग प्रदान करेंगे। इस अवसर पर मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय के संकाय सदस्यों डा. आषुतोष मिश्रा, डा. विपुल गुप्ता, डा. राजेष, डा. अनूप कुमार एवं डा. आकांष खाती द्वारा अपने विचार व्यक्त किये तथा राष्ट्रीय मत्स्य पालन दिवस की सभी को शुभकामनायें दी।