एक युवक ने बीमा की धनराशि हड़पने के लिए खुद को मृत घोषित करने साजिश रच डाली थी। इसके लिए युवक ने जिस अज्ञात शव को अपना बताया था, अब 9 साल बाद उसका राज खुल गया। एसटीएफ ने जांच के बाद मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। रविवार को मुरादाबाद के मूंढापांडे निवासी मुकेश यादव, भाई धर्मपाल, पिता भीकम सिंह यादव, पप्पू पुत्र किशन पाल, सुधा और संगीता के खिलाफ हत्या एवं साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने पर केस दर्ज किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 25 अगस्त 2022 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर निवासी मुनेश यादव पुत्र भीकम सिंह को मृत मुकेश यादव पुत्र भीकम सिंह यादव के पंचायतनामा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ गिरफ्तार किया था।
पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि उसका असली नाम मुनेश नहीं बल्कि मुकेश यादव पुत्र भीकम सिंह यादव निवासी मुरादाबाद है। आरोपी ने बताया कि सिक्योरिटी कंपनी का उस पर लाखों रुपये का कर्जा है।
कई परेशानियों से बचने के लिए सितारगंज मोर्चरी के एक व्यक्ति की मदद से एक अज्ञात शव पर अपना आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और डायरी रखकर खुद को मृत घोषित करने की साजिश रची थी।
एसटीएफ को जांच में पता चला कि 29 जुलाई 2015 को सीएचसी सितारगंज के स्वच्छक ज्वाला प्रसाद ने थाना सितारगंज में मृतक मुकेश कुमार पुत्र भीकम सिंह निवासी मुरादाबाद की दुर्घटना में मृत्यु होने की सूचना दी थी। वहीं चंद्रपाल और मोनू कुमार की गवाही के बाद नौ साल बाद यह मालूम चला कि सितारगंज में बरामद अज्ञात शव मुकेश के ही साथी मनिंदर का था।