पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए रोटी पर थूकने वाले या चाय बनाते वक्त सर्वे करने से पहले थूकने वाले लोगों को जिहादी नहीं पागल करार दिया है। उन्होंने क्या कुछ अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा नीचे पढ़िए…
रसोई बनाते वक्त रोटी पर थूकने वाले, चाय बनाते वक्त सर्व करने से पहले चाय में थूकने वाले, यह जिहादी नहीं हैं जैसा मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं। थूक जिहाद, यह पागल हैं, यह मानसिक रूप से रोगी हैं, ऐसे रोगियों का एक ही स्थान है, जहां ऐसे मानसिक रुग्ण हमारे भाई रखे जाते हैं बल्कि यह उनके साथ रखने काबिल भी नहीं हैं। वह तो श्रद्धा और दया के पात्र हैं। यह तो घृणा के पात्र हैं।
इनको तो जेल की किसी ऐसी कोठरी में रखा जाना चाहिए जहां इनकी सारी मानसिकता और मानसिक रुग्णता ठीक हो जाए। भाजपा के लोग आजकल हर बात के लिए जिहाद शब्द का उपयोग करते हैं।
जिहाद तो एक बड़े परिवर्तन का द्योतक होता है और परिवर्तन, सकारात्मक सोच का परिवर्तन ही जिहाद है, के लिए जिहाद शब्द का उपयोग किया जा सकता है। पागलों, मानसिक रूप से रूग्ण लोगों, किसी की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले लोगों, कहीं झांसा देकर के किसी की लड़की भगाने वाले लोगों को जिहादी कहकर उनका भाव मत बढ़ाइये और जब मुख्यमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति ऐसे लोगों को जिहादी कहेंगे तो थोड़ा चुभता है।