ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा से जुड़ी पंतनगर कर्मचारी संगठन पंतनगर,वि.वि.श्रमिक कल्याण संघ पंतनगर, राष्ट्रीय शोषित परिषद पंतनगर, राष्ट्रीय सफाई मजदूर कांग्रेस पंतनगर, देवभूमि उत्तराखंड सफाई मजदूर संघ पंतनगर, ठेका मजदूर कल्याण समिति पंतनगर मजदूर, संगठन यूनियनों द्वारा रामलीला मैदान से शहीद स्मारक तक जुलूस निकाला गया और शहीद स्मारक पंतनगर पर सभा में पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। जिसमें इंकलाबी मजदूर केंद्र एवं प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के कार्यकर्ताओं /सदस्यों साथियों की सक्रिय भागीदारी रही। जुलूस में महिला पुरुष मजदूरों के हाथों में पोस्टर बैनर,लाल झंडे, 13 अप्रैल के शहीद अमर रहे।

जलियांवाला बाग के शहीदों को लाल सलाम। शहीदों की क्रांतिकारी विरासत को आगे बढ़ाओ।अमर शहीदों का पैगाम जारी रखना है संग्राम।
हाईकोर्ट के साथ ठेका मजदूरों का नियमितीकरण करो। मजदूरों की निकाला बैठाली बंद करो। पंजीकरण वर्दी के नाम पर लूट बंद करो। ठेका प्रथा खत्म करो। उत्तराखंड सरकार महंगाई भत्ता लागू करो। मजदूर विरोधी 04 लेवर कोड रद्द करो। बोनस, ग्रेच्युटी,अवकाश सुविधा लागू करो। आंदोलन का दमन बंद करो।नारे लगा रहे थे।

सभा में वक्ताओं ने कहा कि 13 अप्रैल 1919 को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा जलियांवाला बाग में शांतिपूर्ण तरीके से चल रही सभा में निहत्थी जनता पर चलाईं गई अंधाधुंध गोलियों से हजारों निर्दोष जनता का कत्ल कर दिया गया था। अंग्रेजी सरकार के दमन से आजादी का आंदोलन रुका नहीं बल्कि शहीदों की रुधिर की धार से शहीद भगतसिंह, राजगुरु सुखदेव, ऊधम सिंह जैसे क्रांतिकारी पैदा हुए जिन्होंने अपनी जान की कुर्बानी देकर आजादी के आंदोलन को आगे बढ़ाया।अंततः मजदूर किसानों के संघर्ष के बाद देश को पूर्ण आजादी तो नहीं ,राजनीति आजादी मिली।
आजादी के ठीक 40 साल बाद 13 अप्रैल 1978 को आजाद भारत में पंतनगर में श्रम नियमों द्वारा देय बोनस , ग्रेच्युटी, अवकाश, स्थाईकरण जैसी कानूनी मांगों को लेकर मजदूरों की चल रही शांतिपूर्ण सभा पर काले अंग्रेजों द्वारा गोलीकांड किया गया और नया जलियांवाला हत्याकांड रचा गया। जिसमें हमारे 14 मजदूर साथी शहीद हो गए। सैकड़ों घायल हो गए। काले अंग्रेजों ने सावित किया कि वह मजदूर वर्ग के दमन में अंग्रेजी हुकूमत से कतई कम नहीं है।पर हमारे शहीद मज़दूर साथियों ने गोरे ,काले अंग्रेजों के सामने घुटने नहीं टेके,गुलामी को स्वीकार नहीं किया। अपनी जायज मांगों को हासिल करने में जुझारू संघर्षों को आगे बढ़ाते रहे । गुलामी को खत्म कर नियमितीकरण, बोनस, ग्रेच्युटी ,अवकाश जैसी मूलभूत सुविधाएं शासन – प्रशासन से छीनी।
पूरे देश में जैसे जैसे मजदूर अपनी वर्गीय राजनीतिक विरासत से कटता गया वैसे ही हमलावर मोदी सरकार द्वारा मजदूर विरोधी 04 लेवर कोड बनाकर मजदूरों को डेढ़ सौ साल पहले की गुलामी में ज़ीने को बिवस किया जा रहा है। जिसमें यूनियन बनाना संगठित होकर आवाज उठाना कठिन हो जाएगा आदि आदि।पूरे देश की भांति पंतनगर में आज फिर से ठेका प्रथा, अति अल्प न्यूनतम मज़दूरी, शोषण, उत्पीड़न, गुलामी, अत्याचार , अपमान चरम पर है। श्रम कानूनों को लागू नहीं किया जा रहा है।जिसके खिलाफ हम मजदूर पिछले एक महीने से आंदोलन पर है। बावजूद प्रशासन द्वारा कोई ठोस सुनवाई नहीं हो रही है। बल्कि आंदोलन का दमन जारी है।जिसे मोदी सरकार के नये श्रम कानूनों की रोशनी में समझा जा सकता है।क्या हमारे शहीदों द्वारा ऐसी आजादी, मजदूरों की फिर से गुलामी के लिए शहादत दी गई थी? नहीं साथियों। हमें इसके लिए आगे आना होगा।
ठेका मजदूर कल्याण समिति के सचिव अभिलाख सिंह द्वारा प्रस्ताव पढ़ा गया पूरी श्रद्धांजलि सभा द्वारा संकल्प लिया गया कि 13 अप्रैल 1978 के शहीदों की क्रांतिकारी विरासत को याद करते हुए अपने साथ हो रहे शोषण, उत्पीड़न, अत्याचार,हर तरह के अन्याय, ठेका प्रथा के खिलाफ संगठित होकर शहीदों के सपने पूरे करने में पूरी ताकत के साथ अपनी आवाज बुलंद करेंगे और नियमितीकरण जैसी जायज़ मांगों के लिए जुझारू आंदोलन आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक तिलक राज बेहड,जनार्दन सिंह, महेंद्र शर्मा ,सुरेंद्र सिंह रावत, अभिलाख सिंह,मनोज कश्यप, जोगेंद्र ,आर के श्रीवास्तव,ए .डी. मिश्रा,ए एम खान, संतोष कुमार, मनोहर वाल्मीकि आदि तमाम लोग मौजूद रहे।