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“राजा बाबू” एक लोकप्रिय बॉलीवुड फिल्म है जो 1994 में रिलीज हुई थी। यह डेविड धवन द्वारा निर्देशित एक कॉमेडी-ड्रामा फिल्म है। फिल्म में गोविंदा, करिश्मा कपूर, शक्ति कपूर और अरुणा ईरानी मुख्य भूमिकाओं में हैं, जबकि कादर खान, प्रेम चोपड़ा और गुलशन ग्रोवर सहायक भूमिकाओं में हैं।
कहानी राजा बाबू (गोविंदा) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक लापरवाह और शरारती युवक है, जो एक गाँव में रहता है। वह एक अमीर जमींदार का बेटा है और अपने चंचल स्वभाव के लिए जाना जाता है। राजा बाबू के जीवन में एक मोड़ आता है जब वह मधु (करिश्मा कपूर) से मिलता है, जो एक उत्साही और स्वतंत्र महिला है जो उसकी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करती है। शुरुआती संघर्षों के बावजूद, वे अंततः प्यार में पड़ जाते हैं।
फिल्म में ठेठ बॉलीवुड मसाला तत्वों के साथ कॉमेडी, रोमांस और ड्रामा का मिश्रण है। इसमें आकर्षक गाने, ऊर्जावान नृत्य अनुक्रम और हास्य संवाद शामिल हैं। “राजा बाबू” के लिए संगीत आनंद-मिलिंद द्वारा रचित था, जिसमें “आजा आजा याद सत्य” और “मेरा दिल ना तोड़ो” जैसे उल्लेखनीय ट्रैक थे।
“राजा बाबू” बॉक्स ऑफिस पर एक व्यावसायिक सफलता थी और इसे गोविंदा और डेविड धवन के बीच सफल सहयोग के रूप में याद किया जाता है। यह अपने मनोरंजक प्रदर्शनों, हल्के-फुल्के हास्य और आकर्षक संगीत के लिए जाना जाता है, जो इसे बॉलीवुड प्रशंसकों के बीच एक लोकप्रिय पसंद बनाता है।
कहानी
“राजा बाबू” एक बॉलीवुड फिल्म है जिसकी कहानी में राजा बाबू (गोविंदा), एक मस्ती-भरा और शारती लड़का है जो एक गांव में रहता है। वह धनराज (अरुणा ईरानी) नाम एक अमीर जमींदार के बेटे हैं और उनकी मस्ती भरी हरकतों के कारण वह गांव में मशहूर है।
राजा बाबू की जिंदगी तब बदल जाती है जब उन्हें मधु (करिश्मा कपूर) से मुलाकात होती है, जो एक जोर-शोर से और स्वतंत्र महिला है और गांव में आती है। शुरू में मधु को राजा बाबू की शरारतें पसंद नहीं आती है और वह उनसे परेशान होती है। लेकिन धीरे-धीरे, राजा बाबू और मधु एक-दूसरे में दिलचस्पी लेना शुरू कर देते हैं।
फिल्म में एक मुख्य प्लॉट होता है जहां धनराज को एक दुश्मन है दूसरे जमींदार लक्ष्मी नारायण (कादर खान) से, जिसकी वजह से उनके बीज उजाड़ दिए जाते हैं। राजा बाबू, अपने प्यार मधु के साथ, अपने पापा की इज्जत बचने के लिए लक्ष्मी नारायण के घर जाता है। वहां उन्हें पता चलता है कि लक्ष्मी नारायण की बेटी मालती (शक्ति कपूर) के साथ अपमान करने की साजिश है।
राजा बाबू, अपने प्रैंक और कॉमेडी के लिए जारी मालती की साज़िशों से निपटने का तरीका ढूंढता है। वही अपने दोस्त और गाँववासियों के साथ मिलकर मस्ती भरी चलती चलती है और आख़िर में मालती की साज़िश को फेलता है। फिल्म का क्लाइमेक्स एक जबरदस्त लड़ाई है, जहां राजा बाबू और उसके दोस्तों का लक्ष्मी नारायण के लोगों से मुकाबला होता है।
फिल्म की कहानी में मस्ती, प्यार, और जोखिम भरे संघर्ष है, जिसे राजा बाबू अपने मजेदार अंदाज में पार करता है। यह फिल्म है जिस तरह कॉमेडी, रोमांस, और मसाला एलिमेंट है, जो इसे बॉलीवुड के फैन्स के बीच पॉपुलर बनाता है।
“राजा बाबू” में कई लोकप्रिय गाने हैं जो बॉलीवुड संगीत की पुरानी यादों का हिस्सा बन गए हैं। यहाँ फिल्म के कुछ उल्लेखनीय गीत हैं:
“आजा.. आजा… याद सताए तेरी ” – यह जोशीला और ऊर्जावान ट्रैक उदित नारायण और कविता कृष्णमूर्ति ने गाया है। इसमें गोविंदा और करिश्मा कपूर अपने डांस मूव्स दिखाते हैं।
“मेरा दिल ना तोड़ो” – अभिजीत भट्टाचार्य और पूर्णिमा द्वारा गाया गया, यह रोमांटिक गीत गोविंदा और करिश्मा कपूर पर फिल्माया गया है, जो उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री को दर्शाता है।
“पक चिक पक राजा बाबू” – विनोद राठौड़ और जॉली मुखर्जी द्वारा गाया गया एक मजेदार और आकर्षक ट्रैक। यह गोविंदा की सिग्नेचर स्टाइल और सहायक कलाकारों के साथ उनकी चंचल बातचीत को दर्शाता है।
“सरकाई लो खटिया” – इस जीवंत और लोकप्रिय गीत में गोविंदा और करिश्मा कपूर एक रंगीन सेटिंग में हैं। कुमार शानू और पूर्णिमा द्वारा गाया गया, यह अपने समय के दौरान एक चार्टबस्टर बन गया।
“आजा याद सताये (सैड वर्जन)” – उत्साहित गीत “आजा आजा याद सताए” का एक उदास संस्करण, यह ट्रैक फिल्म के भावनात्मक क्षणों को खूबसूरती से कैप्चर करता है। इसे उदित नारायण ने गाया है।
ये गीत आनंद-मिलिंद द्वारा रचित थे और दर्शकों द्वारा व्यापक रूप से पसंद किए गए थे। उन्होंने फिल्म “राजा बाबू” के समग्र मनोरंजन और सफलता में योगदान दिया।
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