राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने राजभवन में अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक एवं जैन मुनि आचार्य लोकेश जी ने भेंट की। आचार्य लोकेश को अमेरिकन प्रेसिडेंशियल अवार्ड से सम्मानित होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं, आपने मानवतावादी कार्यों से विश्व में भारतीय संस्कृति का गौरव बढ़ाया है।
भारत की ज्ञान परंपरा में आदिकाल से ही विश्व के कल्याण की कामना की जाती है, और जिस प्रकार भारत अपने पुरातन वैभव को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, उसमें हमारे ऋषि-मुनियों का योगदान बहुत अहम है।
जैन धर्मगुरुओं ने पूरे विश्व को करुणा और संयम का अभिनव ज्ञान दिया है। पूरे विश्व में लोग भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण वर्ष को मना रहे हैं एवं विश्व शांति की कामना कर रहे हैं और आज उनकी दी हुई शिक्षाओं का पालन कर रहे हैं।
जैन मुनियों का जीवन अपरिहार्य रूप से अहिंसा, तपस्या, संयम, और सेवा के माध्यम से अलौकिक स्थिति की प्राप्ति का उदाहरण है। उनकी अद्वितीय ध्यान और साधना का परिणाम है कि वे सम्पूर्ण समाज के लिए आदर्श बने हैं।