पंतनगर में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर इंकलाबी मजदूर केंद्र एवं ठेका मजदूर कल्याण समिति पंतनगर द्वारा परिसर में मजदूर बस्तियों से होते हुए शहीद स्मारक तक जुलूस निकाला गया और शहीद स्मारक पंतनगर पर सभा की गई।जिसमें प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के साथियों ने भी भागीदारी की।
जुलूस में महिला पुरुषों के हाथों में लाल झंडे, बैनर ,पोस्टर, तख्तियां लिए मई दिवस के शहीदों को लाल सलाम। मजदूर दिवस की क्रांतिकारी विरासत जिंदाबाद। दुनिया के मजदूरों एक हो। पूंजीवाद, साम्राज्यवाद, हिंदू फासीवाद मुर्दाबाद। मजदूर विरोधी 04 लेवर कोड रद्द करो। महिलाओं से रात्रि पाली में काम कराने का कानून रद्द करो। न्यूनतम वेतन रु 26 हजार रुपए मासिक घोषित करो। साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति बन्द करो। ठेका प्रथा खत्म करो। निजीकरण की जनविरोधी नीतियां रद्द करो संगठित होने और 08 घंटे कार्य दिवस पर हमले बंद करो।घोर मजदूर विरोधी श्रम संहिताए रद्द करो। सार्वजनिक संस्थानों को देशी- विदेशी पूंजीपतियों को सौंपना बंद करो। महिलाओं, दलितों पर हमले बंद करो समान काम समान वेतन लागू करो। समाजवाद जिंदाबाद। आदि नारे लगा रहे थे।
सभा का शुभारंभ एक क्रांतिकारी गीत के साथ किया गया। बक्ताओ ने मई दिवस के शहीदों याद करते हुए मई दिवस के इतिहास पर बात करते हुए बताया कि अमेरिका के शहर शिकागो में 1 मई 1886 को मजदूरों ने व्यापक तैयारी के साथ हड़ताली सभाओं का गठन करके 8 घंटे कार्य दिवस के संघर्ष को आगे बढ़ाया। मजदूरों की वर्गीय एकता के आधार पर 8 घंटे काम, 8 घंटे आराम व 8 घंटे मनोरंजन की मांग को लेकर चले आंदोलन में तमाम मजदूरों ने कुर्बानियां दीं।
अंततः जुझारू संघर्षों, त्याग बलिदान के दम पर संघर्ष को पूरे दुनिया के मजदूरों का समर्थन मिला और जीत हासिल किया। मजदूर वर्ग ने आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए लूट खसोट वाली पूंजीवादी व्यवस्था को खत्म कर समाजवादी व्यवस्था मजदूर राज स्थापित किया। जिसके प्रभाव से 100 औपनिवेशिक देश साम्राज्यवादियों की गुलामी से आजाद हुए ।
आज मजदूर राज़ समाजवाद की अनुपस्थिति में देश – दुनिया में फिर से मजदूर वर्ग पर पूंजीवादी, फासिस्ट सरकारों ने हमला बोला है। भारत देश में सरकार, धर्म जाति में उलझा कर नफरत की राजनीति कर मेहनतकश जनता का धुव्रीकरण कर मेहनतकश जनता के मूलभूत मुद्दो से ध्यान हटाया जा रहा है। एक ओर आसमान छूती मंहगाई दूसरी ओर पूरे देश में ठेका प्रथा के जरिए अति अल्प वेतन पर मजदूरों का शोषण उत्पीडन किया जा रहा है।
सरकार अग्निपथ योजना के जरिए अग्निवीर के रूप में सेना में ठेका प्रथा लागू कर शोषण उत्पीडन नौजवानों को नारकीय जीवन जीने को मजबूर किया जा रहा है वहीं देश की सुरक्षा को ख़तरे में भी डाला जा रहा है। देशी विदेशी पूंजीपतियों के मुनाफे के मद्देनजर मजदूरों के अधिकारों पर हमला बोल कर उन्हें 150 साल पीछे गुलामी में ढकेल रही है। मजदूरों ने अपने जुझारू संघर्षों त्याग बलिदान के दम पर अंग्रेजी सरकार से हासिल किए राहतकारी 44 श्रम कानूनों को खत्म कर मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड्स लागू किए जा रहे है। संगठित होने और 08 घंटे काम दिवस पर हमले कर 12 घंटे काम कराने जैसे पूंजीपतियों को छूट देकर मजदूरों को और निचोड़ने की छूट दी जा रही है।
अंत में सभी बक्ताओ ने कहा कि संकट ग्रस्त पूंजीवादी व्यवस्था के ऐसे समय में अपने अधिकारों को हासिल करने और गुलामी व शोषण से पूरी तरह मुक्ति के लिए मई दिवस के शहीदो की क्रांतिकारी विरासत को याद करते हुए मजदूरों को संगठित होकर पूंजीवादी लूट के खिलाफ पूंजीवादी व्यवस्था को खत्म कर मजदूर राज समाजवाद स्थापित करने के संघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में राशिद,सुभाष प्रसाद,भरत यादव, अभिलाख सिंह,अर्जुन सिंह, श्रवण कुमार , रमेश कुमार , रामप्रताप,भूपेंद्र शर्मा, पृथ्वीराज गौतम,चन्द्रशेखर, रमेश चंद्र, विकास आदि शामिल रहे।