अब फर्जी और भ्रामक विज्ञापनों पर लगेगी लगाम, 18 जून से सभी नए विज्ञापनों के लिए स्व-घोषणा प्रमाणपत्र होगा अनिवार्य

टीवी/रेडियो विज्ञापनों के लिए, विज्ञापनदाताओं को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रसारण सेवा पोर्टल पर स्व-घोषणा प्रमाणपत्र जमा करना होगा जरूरी। प्रिंट और डिजिटल मीडिया विज्ञापनों के लिए, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया पोर्टल पर प्रमाणपत्र जमा करना होगा।

माननीय उच्‍चतम न्यायालय ने रिट याचिका सिविल संख्या 645/2022-आईएमए एवं एएनआर बनाम यूओआई एवं ओआरएस मामले में अपने दिनांक 07.05.2024 के आदेश में निर्देश दिया कि सभी विज्ञापनदाताओं/विज्ञापन एजेंसियों को किसी भी विज्ञापन को प्रकाशित या प्रसारित करने से पहले एक ‘स्व-घोषणा प्रमाणपत्र’ प्रस्तुत करना होगा।

माननीय उच्‍चतम न्यायालय के निर्देश के बाद, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीवी और रेडियो विज्ञापनों के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) के प्रसारण सेवा पोर्टल और प्रिंट एवं डिजिटल/इंटरनेट विज्ञापनों के लिए भारतीय प्रेस परिषद के पोर्टल पर एक नई सुविधा शुरू की है। विज्ञापनदाता/विज्ञापन एजेंसी के अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाणपत्र को इन पोर्टलों के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा।

पोर्टल 4 जून, 2024 से काम करने लगेगा। सभी विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों को 18 जून, 2024 या उसके बाद जारी/टेलीविजन प्रसारण/रेडियो पर प्रसारित/प्रकाशित होने वाले सभी नए विज्ञापनों के लिए स्व-घोषणा प्रमाणपत्र प्राप्त करना आवश्यक है। सभी हितधारकों को स्व-प्रमाणन की प्रक्रिया से परिचित होने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करने के लिए दो सप्ताह का अतिरिक्‍त समय रखा गया है। वर्तमान में चल रहे विज्ञापनों को स्व-प्रमाणन की आवश्यकता नहीं है।

स्व-घोषणा प्रमाणपत्र यह प्रमाणित करता है कि विज्ञापन (i) भ्रामक दावे नहीं करता है, और (ii) केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के नियम 7 और भारतीय प्रेस परिषद के पत्रकारिता आचरण के मानदंडों में निर्धारित सभी उचित नियामक दिशा निर्देशों का अनुपालन करता है।

विज्ञापनदाता को संबद्ध प्रसारक, प्रिंटर, प्रकाशक या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को उनके रिकॉर्ड के लिए स्व-घोषणा प्रमाणपत्र अपलोड करने का प्रमाण देना होगा। माननीय उच्‍चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार, वैध स्व-घोषणा प्रमाणपत्र के बिना किसी भी विज्ञापन को टेलीविज़न, प्रिंट मीडिया या इंटरनेट पर चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

माननीय उच्‍चतम न्यायालय का निर्देश पारदर्शिता, उपभोक्ता संरक्षण और जिम्मेदार विज्ञापन कार्य प्रणालियां सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय सभी विज्ञापनदाताओं, प्रसारकों और प्रकाशकों से इस निर्देश का पूरी लगन से पालन करने का आग्रह करता है।

खबर को शेयर करें ...

Related Posts

(जय भीम) पंत विश्वविद्यालय में डा. भीम राव अम्बेडकर जी की 134वीं जयंती पर हुआ भव्य कार्यक्रम

पंतनगर विश्वविद्यालय में एससी-एसटी सेल एवं अम्बेडकर भवन छात्रावास के…

खबर को शेयर करें ...

सरहुल पर्व: प्रकृति, संस्कृति और सामुदायिक एकता का उत्सव

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने…

खबर को शेयर करें ...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्या ये आपने पढ़ा?

(जय भीम) पंत विश्वविद्यालय में डा. भीम राव अम्बेडकर जी की 134वीं जयंती पर हुआ भव्य कार्यक्रम

(जय भीम) पंत विश्वविद्यालय में डा. भीम राव अम्बेडकर जी की 134वीं जयंती पर हुआ भव्य कार्यक्रम

सरहुल पर्व: प्रकृति, संस्कृति और सामुदायिक एकता का उत्सव

सरहुल पर्व: प्रकृति, संस्कृति और सामुदायिक एकता का उत्सव

शहीद दिवस पर सभा में शहीदों को पुष्प अर्पित कर दी गई श्रद्धांजलि  

शहीद दिवस पर सभा में शहीदों को पुष्प अर्पित कर दी गई श्रद्धांजलि  

उपभोक्ताओं को लगने जा रहा है महंगाई का करंट, उत्तराखंड में बिजली के दामों में बढ़ोतरी।

उपभोक्ताओं को लगने जा रहा है महंगाई का करंट, उत्तराखंड में बिजली के दामों में बढ़ोतरी।