विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय में शोध निदेशालय द्वारा प्रातः प्रभात फेरी का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों के अंदर वातावरण में मधुमक्खियों की मात्रा एवं शहद की उपयोगिता के बारे में जागरूक करना था। इस अवसर पर कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने हरी झंडी दिखाकर प्रभात फेरी में प्रतिभाग कर रहे संकाय सदस्यों एवं विद्यार्थियों को रवाना किया।
कार्यक्रम में कुलसचिव डा. के.पी. रावेरकर, निदेशक शोध डा. ए.एस. नैन, अधिष्ठाता सामुदायिक विज्ञान डा. अल्का गोयल, निदेशक संचार डा. जे.पी. जायसवाल, निदेशक प्रसार शिक्षा डा. जितेन्द्र क्वात्रा, निदेशक विधि डा. आशुतोष सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (फार्म) डा. जयंत सिंह, डा. आर.पी. सिंह, डा. धीरेन्द्र सिंह, डा. वी.पी. सिंह, डा. अनिल कुमार यादव, डा. शिव प्रसाद मौर्य, डा. ए.एस. जीना, डा. मीना अग्निहोत्री, डा. रेनू पाण्डे, डा. मोहन सिंह, डा. भाष्कर तिवारी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डा. प्रमोद मल्ल, संयुक्त निदेशक, मधुमक्खी शोध केन्द्र द्वारा किया गया।
इसके उपरांत विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय में कृषि स्नातक के अंतिम वर्ष के ईएलपी के व्यावसायिक मधुमक्खी पालन के छात्र-छात्राओं द्वारा हर्षोल्लास के साथ विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया। विद्यार्थियों द्वारा डा. पूनम श्रीवास्तव, प्राध्यापक कीट विज्ञान विभाग के मार्गदर्शन में विभिन्न प्रकार के मूल्य वर्धित मधुमक्खी उत्पादों की एक प्रदर्शनी लगाई गई।
इस प्रदर्शनी का अवलोकन मुख्य अतिथि कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा किया गया और विद्यार्थियों द्वारा तैयार किये गये विभिन्न उत्पादों के बारे में विस्तृत जानकारी ली गई तथा उनके प्रयासों की प्रशंसा की गयी। इस अवसर पर अधिष्ठाता कृषि डा. एस.के. कश्यप एवं निदेशक संचार डा. जे.पी. जायसवाल उपस्थित थे।
मूल्य वर्धित उत्पादों में हनी लेमेनाडो, हनी आइस टी, मधु आम पन्ना, हनी बेल जूस, हनी कस्टर्ड, कोकोनट रफैल्स, हनी रागी, चॉकलेट लड्डू, हनी कोको लड्डू, लिव मास्क, हनी टोनर, लिप बाम, सुगन्धित मोमबत्तियां, हनी सोप, इत्यादि थे। इसके अलावा एमएससी की छात्रा द्वारा फ्लेवर्ड हनी में रोज हनी, चाकलेट वैनीला हनी और केवड़ा हनी के साथ हनी केसर पुडिंग तैयार की गयी थी।