प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पिछले बुधवार को दिल्ली पहुंचे थे। वहां उन्हें एक भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लेना था। खबर जब सामने आई तो पता चला कि दिल्ली में भी केदारनाथ धाम का निर्माण होना है।
निर्माण कर रही संस्था ने दावा किया है कि यहां पूरे साल बाबा केदार के दर्शन होंगे जबकि फिलहाल हिंदु धर्म के अनुसार शीतकाल के लिए बाबा केदारनाथ के कपाट बंद होते हैं।
दिल्ली के बुराड़ी में बनने वाले केदारनाथ मंदिर में केदारनाथ से लाई गई शिला को बाबा केदार के रूप में पूजा जाएगा। ऐसे में अब शंकराचार्य से लेकर पंडा पुरोहित और अन्य धर्म गुरुओं ने भी इस पर सवाल उठने शुरू कर दिए हैं, और विरोध स्वरूप अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं।
साथ ही धर्म गुरुओं ने स्पष्ट कह दिया है कि अगर मंदिर की स्थापना ही करनी है तो केदारनाथ की कॉपी क्यों और केदारनाथ धाम के नाम से वहां पर मंदिर कैसे स्थापित किया जा सकता है।
12 ज्योतिर्लिंगों में से केदारनाथ का अपना एक अलग महत्व है जिस पर करोड़ों श्रद्धालुओं की श्रद्धा है ऐसे में मंदिर का स्वरूप और स्थान किसी अन्य जगहों पर तय करना सनातन धर्म के लिए उचित नहीं है।