पंतनगर विष्वविद्यालय के प्रसार षिक्षा निदेषालय की 12वीं प्रसार सलाहकार समिति की दो-दिवसीय बैठक का आज कृषि विज्ञान केन्द्र, लोहाघाट (चम्पावत) में आयोजन किया गया।
कुलपति की अध्यक्षता में आयोजित प्रसार सलाहकार समिति की दो-दिवसीय बैठक में विश्वविद्यालय के प्रसार षिक्षा निदेषालय, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं विभिन्न महाविद्यालयों में किया जा रहे प्रसार कार्यों की समीक्षा की जाएगी तथा कृषकों के मांग के अनुरूप प्रसार कार्यों को सुदृढ़ करने हेतु रणनीति तय की जाएगी।
कृषि विज्ञान केन्द्रों पर बैठक कराने का उद्देष्य विष्वविद्यालय के अधिष्ठाता एवं निदेशकों को पहाड़ की वास्तविक समस्याओं से अवगत कराना और शोध से प्राप्त परिणामों को किसानों की आवश्यकता के अनुसार उन तक पहुँचाने के लिए उपाय करने का है।
कुलपति डा. मनमोहन सिंह चैहान के नेतृत्व में पहली बार प्रसार सलाहकार समिति की बैठक कृषि विज्ञान केन्द्र पर आयोजित की जा रही है। अगली प्रसार सलाहकार समिति की बैठक कृषि विज्ञान केन्द्र, जाखधार में आयोजित की जाएगी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान; विषिष्ट अतिथि आईटीबीपी की 36वीं बटालियन के कमांडिंग आॅफिसर श्री धरमपाल सिंह रावत एवं संयुक्त निदेषक, आई.सी.ए.आर.-आई.वी.आर.आई., मुक्तेष्वर डा. यषपाल सिंह मलिक उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि कुलपति डा. चैहान ने श्री रावत और डा. मलिक को प्रसार सलाहकार समिति की बैठक में प्रतिभाग करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। श्री रावत की कृषि के प्रति रुझान खासकर वृक्षारोपण में किए गए उनके प्रयासों की सराहना की।
आई.सी.ए.आर.-आई.वी.आर.आई., मुक्तेश्वर का पशुओं की विभिन बीमारियों के लिए टीका तैयार करने में किए गए महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि केवल एफएमडी के टीके से 12000 करोड़ रूपए की बचत होती है। कुलपति ने श्री रावत द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, लोहाघाट की गतिविधियों में किए जा रहे सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
कुलपति ने कहा की पहाड़ के किसानों को उनकीआवश्यकता के अनुसार तकनीकी उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। पहाड़ के लोगों की प्रगति शिक्षा और औद्योनिक फसलों की खेती से ही संभव है। मत्स्य बीज के अधिक से अधिक वितरण पर बल दिया। कुलपति ने कृषि विज्ञान केन्द्र, लोहाघाट की प्रभारी डा. दीपाली तिवारी के प्रयासों की सराहना की।
विषिष्ट अतिथि कमांडिंग ऑफिसर श्री रावत ने कृषि विज्ञान केन्द्र लोहाघाट की सभी गतिविधियों में सहयोग देने की बात कही तथा वृक्षारोपण पर बल दिया। श्री रावत ने पहाड़ में पानी की समस्या को कम करने के लिए गड्ढे बनाने पर बल दिया।
पहाड़ पर कीवी एवं नाशपाती की अच्छी खेती की सम्भानाओं की बात कही। विषिष्ट अतिथि डा. यषपाल सिंह मलिक ने कहा कि कृषि तकनीनों को प्रयोग करने वाला असली हितधारक किसान ही है। किसान को सही समय पर सही सलाह देने की आवश्यकता है। डा. मलिक ने कुलपति के साथ अपने पुराने अनुभवों को साझा किया।
बैठक के प्रारम्भ में निदेषक प्रसार षिक्षा डा. जितेन्द्र क्वात्रा ने सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में संयुक्त निदेषक प्रसार षिक्षा डा. संजय चैधरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। बैठक में निदेषक, उत्तराखण्ड जैवप्रौद्योगिकी, हल्दी डा. संजय कुमार; अधिष्ठाता पशुचिकित्सा एवं पशुपालन डा. एस.पी. सिंह; अधिष्ठाता प्रौद्योगिक डा. अलखनन्दा अषोक; अधिष्ठाता विज्ञान एवं मानविकी डा. संदीप अरोरा; अधिष्ठाता मत्स्य डा. अवधेष कुमार; निदेषक संचार डा. जे.पी. जायसवाल; मुख्य महाप्रबंधक फार्म डा. जयंत सिंह; अधिष्ठाता कृषि के प्रतिनिधि के रूप में डा. एम.एस. पाल; अधिष्ठात्री सामुदायिक विज्ञान की प्रतिनिधि के रूप में डा. अदीति वत्स; अधिष्ठाता कृषि व्यवसाय प्रबंधन के प्रतिनिधि के रूप में डा. स्नेहा दोहरे; 9 कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रभारी एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के सभी वैज्ञानिक तथा प्रगतिषील कृषक उपस्थित थे। इस अवसर पर विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए प्रकाशनों का अतिथियों द्वारा अनावरण किया गया। सहगल फाउन्डेषन ने पहाड़ी अधारित उत्पादों का स्टाल लगाया गया।