आज लोहाघाट कोलिढेक झील में मत्स्य विभाग की ओर से विभिन्न प्रजाति के 1 लाख मत्स्य बीज संचय किए गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे द्वारा कोलिढेक झील में मत्स्य बीज संचय करते हुए कहा कि इस झील से जिले में निरंतर पर्यटन गतिविधियां बढ़ रही हैं,मत्स्य बीज डालने से झील की प्राकृतिक सुंदरता बनी रहने के साथ ही झील का पारिस्थितिकी तंत्र भी मजबूत रहेगा।
उन्होंने कहा कि इस झील के निर्माण से जिले में पर्यटकों की संख्या में निरंतर बृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि कोलीढेक झील को स्वदेश दर्शन के अंतर्गत लिया गया है और यहां आने वाले पर्यटकों के लिए और अधिक बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह झील जनपद में आकर्षण का केंद्र है, हमारा यह भी प्रयास रहेगा की यहाँ आने वाले पर्यटक केवल बोटिंग तक ही सीमित न रहें, उन्हें यहां मनोरंजन के और भी साधन मिले। ऐसा होने से यहां पर्यटकों की संख्या और अधिक बढ़ेगी, साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा की हमारा प्रयास है की आने वाले समय में पर्यटकों को हर प्रकार की बेहतर से बेहतर सुविधाएं यहॉं मिले।
इस अवसर पर जनपद मत्स्य प्रभारी केएस बगड़वाल ने बताया कि 1 लाख मत्स्य बीजों में कॉमन कार्प, ग्रास कार्प एवं सिल्वर कार्प हैं। मत्स्य बीजों से लगभग 6 महीनों में मछली की पैदावार शुरू हो जाएगी। कार्यक्रम के दौरान खण्ड विकास अधिकारी लोहाघाट अशोक अधिकारी, सहित सिंचाई विभाग के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।