गर्मियों में हीटवेव का प्रकोप झेल रही जनता को चुनाव बाद बिजली के दामों में बढ़ोतरी कर सरकार द्वारा झटका दिया जा चुका है। इसके साथ ही पहाड़ों पर आए दिन जंगल सुलग रहे हैं। इस कारण आमजन को आए दिन बिजली कटौती और पानी की किल्लते सता रही हैं। इसी समस्या पर पूर्व सीएम रह चुके हरीश रावत ने कुछ टिप्स दिये जिनसे कि पानी और बिजली को बचाकर इस समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखते हुए कुछ बताया पढ़िए…
राज्य आसन विद्युत संकट में है, अघोषित कटौतियां होने लगी है बिजली के रेट दर रेट बढ़ाने के बावजूद भी उपलब्धता की स्तिथि सुधर नहीं रही है, विद्युत वितरण यूटिलिटी अपनी असमर्थता जिसको वो लाइन लॉस कहते है, चोरी रोकने में विफलता, मिसमेनेजमेंट का भार सामान्य उपभोक्ता पर डाल देते है, मेरा एक आग्रह है की यदि हम 400 यूनिट बिजली खर्च करते है तो हम प्रण करे की हम प्रतिदिन इस में से 50 यूनिट बिजली बचाएंगे जो सामान्य कदम उठाकर बचाए जा सकते है जैंसे एसी को कुछ ही समय के लिए चलाना, बहार निकलने पर पंखे, लाइट को बंद कर देना, सामान्य से कदम है। इसी तरीके से आसन जल संकट से भी बचने के लिए हमको अभी से कैंसे पानी कम खर्च करे इसके लिए कदम उठाने पड़ेंगे हम अपने मेहमान को ग्लास भर कर के पानी देते है हम यदि जाड़ों में आधा ग्लास और गर्मियों में पोन ग्लास पानी दे तो बहुत जो पानी ग्लास में छूट जाता है उसको बचाया जा सकता है उसी प्रकार से हर पानी के उपयोग की हमको कुछ न कुछ ऐंसी विधि निकालनी पड़ेगी ताकि कम से कम पानी इस्तेमाल हो, जैंसे वाशिंग मशीन को बार बार चलाने के बजाए हम उसका उपयोग सीमित करे बड़ा परिवार भी है तो सीमित उपयोग करे वही कपड़े धोए जो वास्तविक अर्थों में दूसरी बार उपयोग के लायक नही रह गए है। तो बिजली और पानी बचाना हमको अपना राजकीय दायित्व मानकर निष्ठा से पूरा करना चाहिए और उसके लिए अपनी आदतों में थोड़ा थोड़ा परिवर्तन लाना पड़ेगा, मैंने अपनी आदतों में परिवर्तन लाना प्रारंभ कर दिया है और अपने घर में भी इन सुधारों को मैं अमल में ला रहा हूं।